मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में 25 हजार शिक्षकों को दिया नियुक्ति पत्र, रचा कीर्तिमान

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग की अध्यापक भर्ती परीक्षा पास कर शिक्षक बने अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत गांधी मैदान में मंच पर उपस्थित मंत्रियों ने नियुक्ति पत्र बांटे। बिहार में 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने के सिलसिले में यह कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में हुआ। सीएम नीतीश के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिक्षा मंत्री प्रो। चंद्रशेखर, वित्त मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, आवास मंत्री अशोक चौधरी ने मंच पर शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा। इसके पहले सीएम नीतीश ने अपनी ही गाड़ी में बैठाकर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर गांधी मैदान पहुंचे। इस दौरान उनके साथ विजय चौधरी भी मौजूद रहे। बाद में सभी ने नियुक्ति पत्र बांटा। दरअसल, बिहार में यह अपनी किस्म का सबसे बड़ा नौकरी का हुजूम है। इसमें एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र बांटा गया है। शिक्षक भर्ती की इस पूरी प्रक्रिया को बेहद कम समय में पूरा किया गया। गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। वहीं राज्य के कई जिलों से आए चयनित शिक्षकों का पटना आना सुबह से ही शुरू हो गया। उन्हें उनके जिलों के हिसाब से जगह दी गई। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शिक्षकों में जोरदार उत्साह देखा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले पटना की पूनम कुमारी को नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद अर्चना कुमारी, रवीशा सिंह, रीता कुमारी, कुमारी कुमकुम को नियुक्ति पत्र दिया गया। शुरुआती पांचों नियुक्ति पत्र महिला शिक्षिकाओं को मिले। एक तरफ शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के लिए राज्य सरकार गांधी मैदान में एक बड़े समारोह का आयोजन कर रही है वहीं दूसरी ओर राजद और जदयू इस नियुक्ति प्रक्रिया का क्रेडिट लेने में लगे हुए हैं। स्थिति यह हो गई कि नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजद के मंत्रियों व नेताओं को यह कहना पड़ा कि क्रेडिट राज्य सरकार को दें, अपनी पार्टी को नहीं। दरअसल यह बात नीतीश कुमार ने तब कही, जब पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर पोस्टर के जरिये लगातार यह दिखाया जा रहा था कि शिक्षकों को नियुक्ति देने का काम राजद पार्टी और तेजस्वी यादव के कारण हो रहा है। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक भर्ती पर चल रहे क्रेडिट वार में यह बातें कही। तेजस्वी यादव जापान के दौरे से पटना लौटने के बाद गुरुवार को सीएम के निकलने के बाद भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत की। बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा के द्वारा 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का चयन किया गया है, जिसमें चुने हुए 25 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। शेष को अन्य जिलों में प्रभारी मंत्री दे रहे हैं। गांधी मैदान के इस कार्यक्रम से ऑनलाइन 35 जिले जुड़े हुए हैं, जहां प्रभारी मंत्री मौजूद रहे।
10 लाख सरकारी नौकरी दिलाने के लिए हमलोग काम करते रहेंगे : तेजस्वी यादव
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि आज देश के इतिहास में पहली मौका है, जहां एक राज्य ने एक साथ 1.20 लाख नियुक्ति पत्र दिया है। यह सिलसिला थमेगा नहीं और अन्य विभागों में भी नौकरियां भरी जाएगी। 10 लाख सरकारी नौकरी दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 48 फीसदी हमारी बहनें शिक्षक बनी है। डिप्टी सीएम ने कहा कि जो बेरोजगार हैं, उन्हें कहना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अभी ढेरों रोजगार दिए जाएंगे। सीएम नीतीश कुमार के लिए सभी शिक्षकों से कहा खड़े होकर तालियां बजाकर स्वागत कीजिए। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य मुद्दा बेरोजगारों को रोजगार देना और नौकरी के साथ-साथ सामाजिक न्याय दिलाना। जो धर्म के नाम पर वोट देंगे, उन्हें बुलडोजर मिलेगा। गुजरात में कुछ भी होता है तो वहां की मीडिया को सिर्फ सरकार की अच्छाइयां ही दिखानी पड़ती है। यहां हम अच्छा करते हैं तो उसकी आलोचना भी होती है और उसे स्वीकार भी करते हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि बीजेपी को तकलीफ तो होगी ही। हम लोग नियुक्ति पत्र बांटेंगे और वो लोग ईडी और आईटी की रेड करवाएंगे। मैं पूछना चाहता हूं कि बीजेपी 17 साल बिहार की सत्ता में रही तो उसने प्रदेश के लिए क्या किया। जबकि केंद्र में भी उनकी सरकार है। डबल इंजन की सरकार ने क्या काम किए।
कार्यक्रम स्थल दुल्हन की तरह सजा
गांधी मैदान, पटना के आलावा जिलों में भी कार्यक्रम स्थल (नियुक्ति-पत्र वितरण स्थल) को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। शिक्षक अभ्यर्थियों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गये हैं। कार्यक्रम स्थलों पर बड़ी संख्या में पुलिस अफसरों के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर उन्हें सख्त निर्देश भी दिए गए हैं। कोई बाहरी व्यक्ति कार्यक्रम में नहीं पहुंचे और मोबाइल लेकर कोई अभ्यर्थी नहीं आये समेत अन्य निर्देशों से दंडाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। कार्यक्रम को वह सारी तैयारियां की गई है, जिससे कि इसे ऐतिहासिक बनाया जा सके और किसी तरह का कोई व्यवधान भी पैदा न हो।
शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए गाइडलाइन
गांधी मैदान में 25 हजार शिक्षकों को शांतिपूर्ण ढंग से नियुक्ति-पत्र वितरण कराना सरकार के लिए यह एक चुनौती से कम नहीं है। वैसे यह सब कैसे संपन्न कराना है, इसकी तैयारी शिक्षा विभाग के स्तर से पूरी कर ली गई है। अभ्यर्थियों के लिए विभाग पहले गाइडलाइन जारी कर चुका है। यानी अभ्यर्थी कार्यक्रम में अपने साथ बैग लेकर नहीं आएंगे। खाने का सामान और पानी के बोतल के साथ भी भाग नहीं सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान तमाम शिक्षक अभ्यर्थी मोबाइल स्विच ऑफ या साइलेंट मोड में रखेंगे। कोई भी अभ्यर्थी मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण/गैजेट से कार्यक्रम की तस्वीर नही लेंगे और वीडियो भी नही बनाएंगे। अभ्यर्थियों को कार्यक्रम के दौरान पूरी तरह अनुशासन में रहना है। नियुक्ति पत्र वितरण की प्रक्रिया के दौरान उन्हें न तो आपस में बातचीत करनी है और न इधर-उधर चहलकदमी ही करनी है।
पटना प्रमंडल के छह जिलों के 7000 शिक्षक अभ्यर्थी को मिला नियुक्ति पत्र
गांधी मैदान वाले कार्यक्रम में पटना प्रमंडल के छह जिलों के 7000 शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए। इसी तरह मगध प्रमंडल के पांच जिलों के 2700 अभ्यर्थी, मुंगेर प्रमंडल के छह जिलों के 1900, भागलपुर प्रमंडल के दो जिलों के 800 अभ्यर्थी, पूर्णिया प्रमंडल के चार जिलों के 1200 अभ्यर्थी, सहरसा प्रमंडल के तीन जिलों के 900, दरभंगा प्रमंडल के तीन जिलों के तीन हजार, तिरहुत प्रमंडल के छह जिलों के 5800 और सारण प्रमंडल के तीन जिलों के 2000 यानी कुल 25300 अभ्यर्थी गांधी मैदान के कार्यक्रम में भाग लिया। इन अभ्यर्थियों को जिलों से पटना ले जाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा करीब 703 बसों की व्यवस्था की गई।
