महिलाओं पर दिए विवादित बयान पर मुख्यमंत्री ने सदन में मांगी माफी, बोले- अगर मेरी बातों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची तो मैं माफी मांगता हूं

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को बिहार विधानसभा में यौन शिक्षा और महिलाओं को लेकर एक विवादित बयान दिया था जिसके बाद बिहार की राजनीति मे विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। वहीं सरकार में शामिल गठबंधन के दल मुख्यमंत्री के इस बयान का बचाव करते नजर आए लेकिन बीजेपी ने इस मामले को महिलाओं के सम्मान से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री पर तीखा हमला किया और मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग की। इसी कड़ी में बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपने दिए गए बयान पर सबके सामने माफी मांगी है। जानकारी के मुताबिक, जनसंख्या वृद्धि पर विधानमंडल में महिलाओं को लेकर अमर्यादित बयान देने को लेकर आलोचना का सामना कर रहे सीएम नीतीश कुमार ने माफी मांग ली है। सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि मेरे बयान से अगर महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। वही इसके पहले राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने नीतीश कुमार के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। एनसीडब्ल्यू ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आक्रामक टिप्पणी की निंदा की और उनसे देश की महिलाओं से तत्काल माफी मांगने को कहा। एनसीडब्ल्यू ने एक्स पर एक बयान में कहा ‘हमने विधानसभा में नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं की प्रजनन क्षमता और शिक्षा के संबंध में दिए गए हालिया बयान की कड़ी निंदा की और इसे देश की आबादी से जोड़ा। ऐसी टिप्पणियां न केवल प्रतिगामी हैं, बल्कि बेहद असंवेदनशील भी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को इस बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए देशभर की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। इस बीच, भाजपा की बिहार इकाई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘देश के राजनीतिक इतिहास में नीतीश कुमार जैसा अभद्र नेता किसी ने नहीं देखा होगा।’ बीजेपी ने मांग की कि सार्वजनिक स्थानों पर नीतीश कुमार के दोहरे अर्थ वाले संवादों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह पूछते हुए कि कोई व्यक्ति इस तरह से अश्‍लील कैसे हो सकता है, इसमें कहा गया कि ‘उन्होंने विधानसभा में और फिर विधान परिषद में अश्‍लील बयान दिया। उन्होंने बिहार विधानसभा में पुरुष और महिला संबंधों का पोस्टमॉर्टम करके अपना चरित्र उजागर किया। महिला सशक्तिकरण के नाम पर उन्होंने अपनी सबसे घटिया सोच का पुख्ता सबूत दिया है। वह अब बिहार पर सिर्फ एक बोझ हैं। नीतीश कुमार ने जब विधानसभा में अपने जनसंख्या नियंत्रण सिद्धांत को समझाया तो कई विधायक अपनी हंसी नहीं रोक पाए और कुछ महिला सदस्यों को अजीब महसूस हुआ। जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने तर्क दिया कि महिलाओं की शिक्षा ने राज्य को जनसंख्या को नियंत्रित करने में मदद की है। हालांकि, उनके स्पष्टीकरण से महिला विधायकों को अजीब लगा क्योंकि उन्होंने कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।

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