आरा में जमीनी विवाद में दो गुटों में मारपीट, तलवार और लाठी डंडों से हमला, पांच जख्मी

आरा। भोजपुर जिले के पीरो थाना अंतर्गत जगदीशपुर गांव में मंगलवार को एक ज़मीनी विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया। दो पक्षों के बीच खेत की जुताई को लेकर हुई कहासुनी ने देखते ही देखते गंभीर मारपीट का रूप ले लिया, जिसमें तलवार और लाठी-डंडों का खुलकर प्रयोग हुआ। इस झड़प में दोनों पक्षों के पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुराना विवाद बना झगड़े की जड़
घटना के पीछे की वजह ढाई बीघा जमीन को लेकर चल रहा पुराना विवाद बताया जा रहा है। घायल सुरेंद्र सिंह के पुत्र दीपक कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह विवाद एक वर्ष से वीरेंद्र सिंह के साथ चल रहा है। मंगलवार को जब वे लोग खेत की जुताई करने पहुंचे, तो विरोध पक्ष के लोग आ धमके और उन्हें रोकने लगे। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और विरोधियों ने सुरेंद्र सिंह पर तलवार से हमला कर दिया। साथ ही सुरेंद्र के भाई मनोज सिंह और पोते रामदीप सिंह को लाठी-डंडों से पीटा गया।
दोनों पक्षों की अलग-अलग दलीलें
वहीं दूसरी ओर, दूसरे पक्ष की महिला सदस्य कलावती देवी ने एक भिन्न कहानी बताई। उन्होंने कहा कि खेत की जुताई करने उनके लोग जा रहे थे, तभी सुरेंद्र सिंह और उनके परिजन आ गए और हमला कर दिया। उनके अनुसार उनके परिवार के विनोद सिंह और उनके चचेरे भाई गोरख कुमार को बुरी तरह पीटा गया। इस घटना में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। हालांकि, सुरेंद्र सिंह के पुत्र दीपक कुमार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बताया कि हमला झेलने के बावजूद उनके चाचा और भाई को ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि असली हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। इससे गांव में तनाव और बढ़ गया है, और लोग पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती हैं सभी घायल
घायल हुए सभी व्यक्तियों को तत्काल आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए हैं और दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जमीन का असली मालिक कौन है और विवाद की कानूनी स्थिति क्या है।
गांव में तनाव, पुलिस सतर्क
इस घटना के बाद पूरे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच पुराना विवाद किसी भी वक्त फिर से भड़क सकता है। पुलिस गांव में स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आगे किसी अनहोनी से बचने के लिए सतर्कता बरत रही है। इस पूरी घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि भूमि विवाद बिहार के ग्रामीण इलाकों में कितनी गंभीर और संवेदनशील समस्या है, जो अक्सर हिंसा और खून-खराबे का कारण बन जाती है। ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्पक्ष और समय पर कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है, ताकि समाज में कानून और व्यवस्था की भावना बनी रहे।

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