चुनावी वर्ष में डूबता पटना-सीएम नीतीश खुद निकलें राजधानी में जलजमाव का जायजा लेने

पटना।आज चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सक्रियता बढ़ गई है।इसी वर्ष के अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।वहीं मानसून में एक रात की बारिश ने राजधानी का जो हाल किया है।उससे भाजपा-जदयू समेत राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बेचैन हो उठे हैं।दरअसल पिछले साल हुए पटना जल प्रलय को लेकर नीतीश सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे।कहा यहां तक गया था की अगले वर्ष किसी हाल में वर्षा के जल का जमाव नहीं होगा।पटना के किसी मोहल्ले के जलमग्न नहीं होने देने की एक तरह से सरकार के द्वारा गारंटी दी गई थी। मगर कल रात की बारिश ने सभी दावों तथा गारंटी की पोल खोल कर रख दिया। रात भर की बारिश ने कंकड़बाग, पाटलिपुत्र कॉलोनी,फुलवारी शरीफ, अनिशाबाद समेत राजधानी के अधिकांश मोहल्लों में जलमग्न की समस्या को उत्पन्न कर दिया है।नतीजतन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बारिश के बीच जलजमाव वाले इलाकों का जायजा लेने निकल पड़े हैं।मुख्यमंत्री के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों का बड़ा काफिला भी निकला है।खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री पटना के तमाम बड़े संप हाउस और नालों का जायजा ले रहे हैं।इस क्रम में सीएम नीतीश कुमार पटना के पाटलिपुत्र कंपलेक्स पहुंचे।जहां उन्होंने इंडोर स्टेडियम में बने कोविड-19 के अस्पताल का भी निरीक्षण किया।कल रात के बारिश में पटना के अधिकांश मोहल्लों में जलजमाव कर दिया है।पिछली बार नीतीश सरकार ने बड़ी प्लानिंग की थी।मगर मानसून की पहली बारिश ने सरकार की प्लानिंग के खोखले पन को उजागर कर दिया है।बहरहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभिन्न संप हाउस परिचालन तथा रेलवे स्टेशन की सफाई का जायजा लेने खुद तो निकल गए हैं।मगर इसका क्या प्रभाव पड़ता है यह देखने वाली बात होगी।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बुडको तथा पटना नगर निगम के बड़े अधिकारी भी हैं।
