विश्व यकृत दिवस पर बोले अश्विनी चौबे : बेहतर स्वास्थ्य के लिए संयमित जीवनशैली जरूरी

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पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए संयमित जीवनशैली जरूरी है। कोरोना के संक्रमण काल में लोग अपने सेहत के प्रति संवेदनशील हुए हैं। इस संवेदनशीलता को आगे भी बनाए रखना है। श्री चौबे विश्व यकृत दिवस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, यकृत दूसरा सबसे बड़ा अंग है जो चुपचाप सभी महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए। इससे संबंधित कोई बीमारी ना हो, इसके प्रति जागरूक रहकर दूसरों में भी जागरूकता लाने का प्रयास नियमित अंतराल पर हो, इस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए। यकृत खराब होना, यह असामान्य जीवनशैली का प्रमुख कारण है। जब यकृत ठीक से काम नहीं करता है तो यह नॉन-कोलॉजिक फैटी लिवर रोगों के विकास की ओर ले जाता है। एक बार जब स्थिति विकसित हो जाती है, तो परेशानी बढ़ने लगती है। यकृत स्वस्थ रहें, इसे लेकर मंत्रालय स्तर पर भी जागरूकता अभियान के साथ-साथ समय-समय पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। भारत में फैटी लीवर से संबंधित 10 में से एक से तीन तक संबंधित बीमारी से ग्रसित व्यक्ति होंगे। श्री चौबे ने इस अवसर पर लोगों से आग्रह किया कि वे संयमित जीवनशैली अपनाएं। संतुलित आहार व नियमित रूप से योग को अपने दिनचर्या में शामिल करें। धूम्रपान, मदिरापान, जंक फूड का त्याग करें।


सम्मेलन में राजेश भूषण, सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय,भारत सरकार, डॉ. सुनील कुमार, स्वास्थ्य सेवाएं, महानिदेशक, वंदना गुरनानी, अपर सचिव एवं एमडी (एनएचएम), डॉ. रोडेरिको एच. आॅफरिन, प्रतिनिधि डब्ल्यूएचओ-भारत, विशाल चौहान, संयुक्त सचिव (एनसीडी, गैर-संचारी रोगों ), डॉ. एस. के. सरीन, वरिष्ठ प्रोफेसर एवं निदेशक, आईएलबीएस सहित दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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