October 28, 2025

एनडीए के सीएम पर बोले चिराग, नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, जीतने पर विधायक करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए के भीतर अब मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर चर्चा तेज हो गई है। सीट बंटवारा और प्रत्याशी तय होने के बाद अब यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान दोनों ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए गठबंधन की एकजुटता पर जोर दिया है। वहीं, हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सुझाव दिया है कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा पहले से तय होना चाहिए था।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को साफ कहा कि एनडीए वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर न केवल भारतीय जनता पार्टी को, बल्कि बिहार की जनता को भी पूरा भरोसा है। अमित शाह ने आगे कहा कि एनडीए की जीत के बाद मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल करेगा, जो गठबंधन की सामान्य और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। इस बयान के साथ ही शाह ने यह संकेत दिया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई भ्रम नहीं है और चुनाव प्रचार नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल एकजुट हैं और चुनाव के बाद विधायक अपने नेता का चयन करेंगे।
चिराग पासवान ने अमित शाह के बयान का किया समर्थन
अमित शाह के बयान के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस बात का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने बिल्कुल सामान्य प्रक्रिया की बात कही है, जो हर गठबंधन में होती है। चिराग ने कहा कि हमारे पांच दलों के गठबंधन में यह तय है कि चुनाव जीतने के बाद विधायक स्वयं अपने नेता का चुनाव करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चुनने की जो प्रक्रिया है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। चिराग पासवान ने आगे कहा कि एनडीए में किसी भी मुद्दे को लेकर मतभेद नहीं है। चाहे सीट चयन की बात हो या प्रत्याशी तय करने की, सबकुछ सहजता से तय हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि एनडीए इस बार ऐतिहासिक जीत हासिल करेगा।
मांझी ने जताई असहमति
इस बीच, एनडीए के घटक दल हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने अलग राय रखी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम चुनाव से पहले ही घोषित कर देना चाहिए था, ताकि जनता के बीच कोई भ्रम न रहे। मांझी ने कहा कि इस तरह की अनिश्चितता गठबंधन के लिए सही नहीं होती। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि अमित शाह एनडीए के शीर्ष नेताओं में से एक हैं, इसलिए उनका बयान आधिकारिक रूप से स्वीकार्य है। उन्होंने जो कहा, वही गठबंधन की नीति मानी जाएगी। बावजूद इसके, मांझी का मानना है कि स्पष्टता होना लोकतांत्रिक दृष्टि से आवश्यक है।
एनडीए में एकजुटता पर चिराग का भरोसा
चिराग पासवान ने अपने बयान में एनडीए की एकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन के सभी घटक दलों के बीच किसी प्रकार का विवाद नहीं है। चिराग ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि एनडीए में सहजता से सभी निर्णय होंगे, चाहे वह सीटों का बंटवारा हो या उम्मीदवारों का चयन। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और 14 नवंबर को हम दीवाली के साथ ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाएंगे।
बीजेपी का संगठनात्मक रुख
भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी यह स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई मतभेद नहीं है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि एनडीए की परंपरा रही है कि चुनाव के बाद विधायक दल नेता का चयन करता है। इस प्रक्रिया से सभी दलों की भागीदारी सुनिश्चित होती है और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन होता है।
विपक्ष पर निशाना
जीतन राम मांझी ने विपक्षी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि वहां अभी तक उम्मीदवारों की लिस्ट भी तय नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में दुविधा और असहमति का माहौल है, जबकि एनडीए में सभी मुद्दे सहमति से तय किए जा चुके हैं। मांझी ने कहा कि सौभाग्यवश एनडीए में अब तक सब कुछ सही रहा है और सभी घटक दल एकजुट होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए की यह एकजुटता बिहार के मतदाताओं के सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरेगी। एनडीए के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर जो चर्चा शुरू हुई थी, वह अब धीरे-धीरे स्पष्ट होती जा रही है। अमित शाह और चिराग पासवान दोनों ने संकेत दिया है कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और जीत के बाद विधायक दल मुख्यमंत्री का चयन करेगा। यह बयान न केवल एनडीए की एकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। वहीं जीतन राम मांझी जैसे नेताओं की राय से यह स्पष्ट है कि गठबंधन के भीतर लोकतांत्रिक मतभेदों के बावजूद राजनीतिक स्थिरता बनी हुई है। कुल मिलाकर, एनडीए अब एकजुट होकर बिहार चुनाव में उतर चुका है और मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया चुनाव परिणामों के बाद ही तय होगी।

You may have missed