चिराग पासवान के बदले सुर, कहा- एनडीए नीतीश के नेतृत्व में लड़ेगा, जीत के बाद वही सीएम होंगे

पटना। केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर अपने रुख में बदलाव दिखाते हुए साफ कहा है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा और जीत के बाद भी वही मुख्यमंत्री बनेंगे। चिराग के इस बयान ने उन सभी राजनीतिक अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है, जो उनके पिछले बयानों से उठी थीं।
पहले उठाए थे सवाल, अब किया समर्थन
इससे पहले चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की आलोचना की थी और यह कह कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी कि उन्हें दुख है कि वे ऐसी सरकार का हिस्सा हैं। उनके बयान पर एनडीए में खींचतान के संकेत मिलने लगे थे। जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी तीखा हमला बोला था। लेकिन अब चिराग ने सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया।
चिराग की सफाई और राजनीतिक संकेत
पत्रकारों से बातचीत में चिराग ने स्पष्ट किया कि उनके बयान में कोई बगावत नहीं थी, बल्कि वे बिहार के हालात को लेकर चिंतित थे। उन्होंने कहा कि सहयोगी होने के नाते यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे जरूरी मुद्दों पर चर्चा करें। उनका मकसद एनडीए को कमजोर करना नहीं, बल्कि उसकी मजबूती के लिए काम करना है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के सभी घटक दल एकजुट हैं और विपक्ष की यह उम्मीद कि कोई सहयोगी बिखर जाए, पूरी नहीं होगी।
विपक्ष पर किया हमला
चिराग ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष को उम्मीद है कि एनडीए के भीतर फूट पड़ी तो उन्हें फायदा मिल सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने दोहराया कि वे 2020 में अकेले चुनाव लड़े थे, लेकिन तब भी विपक्ष जीत नहीं सका था। इस बार पूरा एनडीए एकजुट होकर ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है।
मांझी से जुड़ा विवाद भी शांत
इस पूरे प्रकरण में जीतनराम मांझी की प्रतिक्रिया सबसे पहले आई थी। चिराग के “दुख है कि ऐसी सरकार का हिस्सा हूं” वाले बयान पर मांझी ने ट्वीट कर कहा था कि उन्हें नीतीश कुमार के साथ काम करने पर गर्व है और चिराग को कम अनुभवी बताया था। इस पर चिराग ने विवाद को बढ़ाने के बजाय मांझी को “अनुभवी नेता और गार्जियन” कहकर सम्मान दिया, जिससे टकराव की स्थिति को टाल दिया गया।
नीतीश के नेतृत्व पर दोहराया भरोसा
चिराग पासवान ने अंततः स्पष्ट किया कि वे नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरी तरह भरोसा रखते हैं और आगामी चुनाव उन्हीं की अगुवाई में लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से उठाई गई चिंताएं बिहार के हित में थीं, और उनका समाधान मिलकर निकालना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। चिराग पासवान के हालिया बयान ने यह संकेत दिया है कि एनडीए अब फिर से एकजुट दिखाई देना चाहता है। बिहार में आगामी चुनाव से पहले गठबंधन के भीतर सामंजस्य बनाए रखना सभी दलों की प्राथमिकता है। चिराग की बदली हुई भाषा इस दिशा में एक प्रयास के रूप में देखी जा रही है, जिससे विपक्ष को कोई अवसर न मिल सके।

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