चिराग ने कहा-बिहार में छह महीने राष्ट्रपति शासन लगाने में क्या परेशानी? चुनाव टालने की मांग पर बरकरार…

पटना।आगामी विधानसभा चुनाव को निर्धारित समय से आगे बढ़ाने तथा बिहार में 6 महीने के अवधि के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी बयान देकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के राजनीति में पुनः उबाल ला दिया है।एक अखबार को दिए इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा है कि ऐसी क्या परेशानी है कि बिहार में 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा कर चुनाव नहीं टाला जा सकता है।उन्होंने कहा कि जनता के हित के लिए ऐसा किया जाना चाहिए।चिराग पासवान ने कहा की अभी संसद का सत्र होना है।दोनों सदन को मिलाकर लगभग 800 सांसदों को भाग लेना है।उनके लिए ढेर सारे एहतियात के प्रावधान किए जा रहे हैं।ऐसे में हम लोगों के साथ भेदभाव नहीं कर सकते हैं।जब सांसदों को कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा की आवश्यकता है तो ऐसी गंभीर स्थिति में आम जनता को मतदान के लिए आगे खड़ा करके खतरे में डाल दें, यह सही नहीं है।बिहार में उपचुनाव की भांति ही आम चुनाव भी 6 महीने के लिए टाल देना चाहिए।लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि हम अपने मंशा से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अवगत करा चुके हैं। इतना ही नहीं लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के नीतीश सरकार पर पुनः तंज कसा है। चिराग पासवान के रुख को देखकर ऐसा लगता है कि वह बिहार एनडीए में सिर्फ नीतीश कुमार की नहीं चलने देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में राजग का कॉमन मिनिमम एजेंडा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना कांग्रेस-राजद और जदयू का एजेंडा था। यह एनडीए का एजेंडा नहीं है।उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि बिहार में राजग का अपना एजेंडा हो।उन्होंने नीतीश सरकार के द्वारा सीएए तथा एनआरसी के मसले पर विधानसभा में विरोध प्रस्ताव पारित किए जाने पर भी हैरत व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राजग में शामिल सभी पार्टियों के साथ चर्चा तथा सहमति के उपरांत ही सरकार को किसी प्रकार का निर्णय लेना चाहिए था।बहरहाल चिराग पासवान के बयान ने एक बार फिर से बिहार के राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है।दरअसल बिहार के सीएम नीतीश कुमार तथा उनकी पार्टी जदयू प्रदेश की राजनीति में लोजपा तथा चिराग पासवान को विशेष तवज्जो नहीं देती।मगर लोजपा को संभवतः भाजपा का शह हासिल है। इसलिए समय-समय पर लोजपा नीतीश सरकार पर आक्रामक हो जाती है।

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