नए पार्टी कार्यालय में चिराग पासवान ने किया गृहप्रवेश, कहा- 4 साल तक आने नहीं दिया, पर आज मिला इंसाफ

- चिराग बोले, नीतीश को फिर मुख्यमंत्री बनाना हमारा लक्ष्य, एनडीए 225 से अधिक सीट जीतेगा
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बुधवार को अपने पार्टी कार्यालय में विधिवत गृहप्रवेश किया। चिराग ने अपनी मां रीना पासवान और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ धार्मिक रीति-रिवाज के तहत यह आयोजन किया। यह पार्टी कार्यालय वही स्थान है, जहां चिराग के पिता और दिवंगत नेता रामविलास पासवान ने अपनी राजनीतिक विरासत को आकार दिया था। इस कार्यालय का पुनः अधिकार मिलने को चिराग ने न्याय की जीत बताया।
चिराग की पार्टी कार्यालय की वापसी
पिछले चार वर्षों तक चिराग पासवान और उनके समर्थकों को इस कार्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। भवन निर्माण विभाग द्वारा यह कार्यालय चिराग के चाचा और एलजेपी के अन्य गुट के प्रमुख पशुपति पारस के पास था। लेकिन हाल ही में यह बंगला और कार्यालय चिराग पासवान को फिर से अलॉट कर दिया गया। इस अवसर पर रीना पासवान ने भावुक होकर कहा कि यह घर उनके लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहां वह अपने पति रामविलास पासवान के साथ आया करती थीं। रीना पासवान ने पशुपति पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन साल तक हमें कार्यालय से दूर रखा गया, लेकिन अब न्याय मिल गया है। उन्होंने कहा कि चिराग के साथ उनके पिता का आशीर्वाद है, और यही वजह है कि यह कार्यालय फिर से उनके पास लौट आया।
चिराग की प्रतिबद्धता
गृहप्रवेश के दौरान चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा कि यह स्थान उनके लिए सिर्फ एक कार्यालय नहीं, बल्कि उनकी विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने इसी स्थान से बिहार को विकास की नई दिशा देने के लिए काम किया था। उनके विचारों को आगे बढ़ाने का सौभाग्य मुझे मिला है। मैं यहां से उनके सपनों को साकार करने का काम करूंगा।
225 से ज्यादा सीट जीतेगी एनडीए, नीतीश को फिर से सीएम बनाना है लक्ष्य
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने कहा विधानसभा चुनाव को लेकर हम लोगों को एक व्यवस्था की जरूरत थी। झारखंड में भी हमें जीत मिली है। ऐसे में बिहार विधानसभा में भी हमारा प्रदर्शन काफी बेहतर रहे अब तक हम लोग मेरे निजी आवास पर ही कार्य करते थे। लक्ष्य 2025 का है, ताकि एनडीए गठबंधन 225 से ज्यादा सीट जीतकर बिहार में सरकार बनाए, इसको लेकर हम लोग तैयारी कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि हमारी सरकार बन रही है। ऐसे में चिराग में कहा कि तेजस्वी यादव ने लोकसभा चुनाव में भी दावा किया था। हकीकत क्या थी वह सबके सामने है, ना उनके दावे उपचुनाव में दिखे और ना ही आने वाले समय में दिखेगा। हमारा हंड्रेड परसेंट स्ट्राइक रेट रहा है। हम लोगों ने यहां भी जीत हासिल की अब उनके दावे का कोई मतलब नहीं है, जिसमें वह बार-बार फेल हो रहे हैं। चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर चिराग ने कहा कि मैं मर्यादा को नहीं तोड़ सकता पहले गठबंधन में चर्चाएं हो जाए उसके बाद बातें सार्वजनिक होगी। लोकसभा चुनाव की तरह बिहार विधानसभा में भी सहजता से सीट बंटवारा हो जाएगा। हमारा लक्ष्य है नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाना।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
चिराग पासवान ने इस अवसर पर बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी की तैयारियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यालय की वापसी से कार्यकर्ताओं में नया उत्साह आया है, और अब संगठन को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकेगा। उनका लक्ष्य 2025 का है, जिसमें एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर 225 से अधिक सीटें जीतकर बिहार में सरकार बनाना है। चिराग ने झारखंड में पार्टी की हालिया सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह जीत पार्टी के लिए प्रेरणादायक है और बिहार में भी ऐसा ही प्रदर्शन करने का प्रयास होगा।
पारिवारिक और राजनीतिक संघर्ष
चिराग पासवान के लिए यह घर सिर्फ एक कार्यालय नहीं, बल्कि उनके परिवार और पार्टी के बीच पिछले चार वर्षों से चल रहे संघर्ष का प्रतीक भी है। रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी दो धड़ों में बंट गई थी। पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच हुए राजनीतिक मतभेदों ने इस विभाजन को और गहरा किया। लेकिन इस कार्यालय की वापसी ने चिराग के लिए एक नई शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया है।
भावनात्मक जुड़ाव और उत्साह
गृहप्रवेश के दौरान चिराग की मां रीना पासवान ने यह भी कहा कि कार्यालय में रामविलास पासवान की तस्वीर देखकर उन्हें ऐसा महसूस हुआ, जैसे वह भी इस आयोजन का हिस्सा हैं। पार्टी के सांसद, नेता और कार्यकर्ता भी इस आयोजन में शामिल हुए, जिससे यह अवसर केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक उत्साह और भविष्य की योजनाओं का प्रतीक बन गया। चिराग पासवान का अपने पुराने पार्टी कार्यालय में पुनः प्रवेश उनके लिए केवल एक स्थान की वापसी नहीं, बल्कि राजनीतिक और भावनात्मक जीत का प्रतीक है। यह कदम उन्हें अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने और पार्टी को मजबूत करने की प्रेरणा देगा। आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर चिराग ने जो लक्ष्य तय किए हैं, उनके लिए पार्टी के पास अब एक सशक्त आधार है। यह कार्यालय पार्टी के लिए संगठनात्मक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होगा। चिराग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने पिता के विचारों को आगे ले जाने और बिहार को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
