October 28, 2025

चिराग का तेजस्वी पर हमला, कहा- जाति की राजनीति से वे बिहार को 50 साल पीछे ले जाएंगे, ऐसा हम होने नहीं देंगे

पटना। बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से ही अहम रहे हैं। लेकिन इन दिनों राज्य में चुनावी हलचल और भी तेज हो गई है। एसआईआर का काम पूरा होने और अंतिम सूची जारी होने से पहले ही विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच बयानबाज़ी शुरू हो गई है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है।
जातीय राजनीति पर चिराग का आरोप
पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव को नसीहत भरे अंदाज में कहा कि युवाओं को जाति, धर्म और मजहब के आधार पर बांटना किसी भी सूरत में बिहार के हित में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की राजनीति से बिहार पचास साल पीछे चला जाएगा और ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। चिराग ने साफ किया कि उनके लिए सिर्फ “बिहारी” मायने रखते हैं, न कि जाति-धर्म की पहचान। उनका कहना था कि दलित, ओबीसी और ईबीसी वोटों को लेकर जो सोच विपक्ष के नेताओं की है, वह सीमित और संकुचित दृष्टिकोण को दर्शाती है।
विपक्ष पर प्रहार
चिराग पासवान ने विपक्षी दलों पर यह आरोप लगाया कि वे लगातार मुद्दों से भटकाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम पूरी तरह स्वतंत्र है और केंद्र सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसके बावजूद विपक्ष इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश करता रहा है। चिराग ने यह भी कहा कि जब सूची जारी होगी, तब देखा जाएगा कि विपक्ष इस पर कितनी और राजनीति करता है।
प्रशांत किशोर और अन्य आरोपों पर प्रतिक्रिया
पत्रकारों ने जब प्रशांत किशोर के आरोपों के बारे में सवाल किया तो चिराग पासवान ने कहा कि आरोप लगाने वाले सक्षम नेता हैं और उनके आरोपों का जवाब भी दिया जा रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी कई बार अलग-अलग नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए थे, यहां तक कि दिल्ली में भी पूर्व मुख्यमंत्री ने कुछ आरोप लगाए थे, लेकिन अंततः उसका कोई असर नहीं हुआ। चिराग ने यह संकेत दिया कि विपक्ष सिर्फ बेवजह आरोप लगाकर सुर्खियों में बने रहना चाहता है।
तेजस्वी यादव की राजनीति पर सवाल
चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की राजनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं और अधिकारियों पर बयानबाज़ी करना विपक्ष की घबराहट का संकेत है। सरकार ने जनता के लिए इतने काम किए हैं कि विपक्ष के पास बोलने के लिए ठोस मुद्दे नहीं बचे हैं। ऐसे में वे जातीय समीकरण और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करके जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
जनता की अपेक्षाओं पर जोर
चिराग पासवान ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार की जनता अब जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर उठ रही है। युवाओं की सोच बदल रही है और वे विकास, शिक्षा, रोजगार और अवसरों की बात कर रहे हैं। ऐसे समय में यदि कोई नेता उन्हें फिर से जातीय आधार पर बांटने की कोशिश करेगा, तो जनता उसे स्वीकार नहीं करेगी। बिहार की राजनीति में इस समय जातीय समीकरण और विकास के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। एक ओर तेजस्वी यादव लगातार अपने बयानों और रणनीतियों के माध्यम से जातीय आधार को मजबूत करने की कोशिश करते दिख रहे हैं, तो दूसरी ओर चिराग पासवान जैसे नेता इसे राज्य के भविष्य के लिए हानिकारक मानते हैं। चिराग का कहना है कि बिहार को विकास की राह पर आगे ले जाना है और जाति-धर्म की दीवारों को तोड़कर ही यह संभव है। आने वाले समय में जब अंतिम सूची जारी होगी और चुनावी माहौल और गरम होगा, तब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस विचारधारा को अपना समर्थन देती है।

You may have missed