सीवान में चिमनी के गड्ढे में डूबने से तीन बच्चों की मौत, गोताखोरों ने शव निकाला, गांव में मचा कोहराम

सीवान। सीवान जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के मोरा खास गांव से शनिवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। गांव के तीन मासूम किशोरों की एक चिमनी के गहरे जलभरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। मृतकों में 8 वर्षीय बृजेश कुमार, अमन कुमार और 10 वर्षीय अजित कुमार शामिल हैं। अजित कुमार अपने माता-पिता की इकलौती संतान था, जिससे उनके परिवार का दुख और भी अधिक बढ़ गया है।
बिना बताए पहुंचे थे चिमनी के गड्ढे पर
परिजनों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे तीनों बच्चे गांव के बाहर स्थित एक चिमनी के गड्ढे पर नहाने के उद्देश्य से गए थे। यह गड्ढा पहले ईंट निर्माण के लिए जेसीबी से मिट्टी निकालकर तैयार किया गया था और उसमें हाल की बारिश के कारण काफी पानी भर गया था। बच्चों के जाने की जानकारी किसी भी परिवार को नहीं थी।
रातभर की खोजबीन के बाद मिला सुराग
जब तीनों बच्चे देर शाम तक घर नहीं लौटे, तो परिजनों की चिंता बढ़ गई और गांव में तलाश शुरू कर दी गई। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी उनका कोई पता नहीं चल सका। शनिवार की सुबह जब संदेह के आधार पर चिमनी के गड्ढे में गोताखोरों को लगाया गया, तो उनका शव पानी में तैरता हुआ मिला।
मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन
घटना की जानकारी मिलते ही भगवानपुर हाट थाना की पुलिस और डायल 112 की टीम घटनास्थल पर पहुंची। तीनों शवों को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए सीवान सदर अस्पताल भेज दिया गया। मौके पर पहुंचे एसडीपीओ राकेश रंजन ने बताया कि चिमनी का स्वामित्व अशोक सिंह नामक व्यक्ति के पास है और यह हादसा चिमनी की खुदाई से बने गहरे गड्ढे में जलजमाव के कारण हुआ है।
गांव में मातम और प्रशासन से नाराज़गी
इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में मातम छा गया है। मृत बच्चों के परिजन बेसुध हैं और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। एक साथ तीन मासूमों की जान जाने से लोगों में गुस्सा भी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के आसपास के ऐसे खतरनाक और असुरक्षित गड्ढों को तुरंत भरा जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
सुरक्षा उपायों की उठी मांग
यह घटना एक बार फिर से उन खतरनाक स्थलों की ओर इशारा करती है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को चिमनी और ईंट भट्टों से जुड़े ऐसे गड्ढों की निगरानी करनी चाहिए और उन्हें सुरक्षा के दायरे में लाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को भी ऐसे स्थानों से दूर रहने के प्रति जागरूक किया जाना आवश्यक है।

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