जमुई में स्कूल में शिक्षक से विदाई पर फूट-फूटकर रोए बच्चे, टीचर भी भावुक, वीडियो वायरल

जमुई। बिहार के जमुई जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोनन में एक ऐसा भावुक दृश्य सामने आया जिसने हर किसी का दिल छू लिया। शनिवार को स्कूल में आठवीं कक्षा पास करने वाले 24 बच्चों की विदाई होनी थी। लेकिन यह विदाई समारोह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा पल बन गया जहां शिक्षक और छात्र-छात्राओं के बीच के गहरे रिश्ते की तस्वीर साफ नजर आई।
शिक्षक से बिछड़ने का दर्द
इन बच्चों के लिए सबसे कठिन क्षण वह था जब उन्हें अपने प्रिय शिक्षक रंजीत कुमार से विदा लेना पड़ा। जैसे ही यह अहसास हुआ कि अब वे अगले साल से किसी और स्कूल में पढ़ाई करेंगे और अपने पुराने शिक्षक से रोजाना मुलाकात नहीं होगी, बच्चों की आंखें नम हो गईं। कई छात्र-छात्राएं शिक्षक से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। कुछ बच्चों ने अपने दोस्तों के कंधों पर सिर रखकर सिसकियां लीं। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया।
आठ वर्षों का साथ
शिक्षक रंजीत कुमार पिछले आठ वर्षों से इसी विद्यालय में कार्यरत हैं। इन बच्चों ने अपने प्रारंभिक शिक्षा जीवन की शुरुआत रंजीत सर के सान्निध्य में की थी। यही वजह है कि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव बन गया था। बच्चों का कहना था कि वे रंजीत सर को सिर्फ एक शिक्षक के रूप में नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और अभिभावक की तरह मानते थे।
शिक्षक भी हुए भावुक
शिक्षक रंजीत कुमार के लिए भी यह विदाई आसान नहीं थी। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के साथ बिताए गए आठ साल उनके लिए एक यादगार और खूबसूरत अनुभव रहा। उन्होंने बच्चों को ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। शिक्षक ने यह भी कहा कि इन बच्चों ने विद्यालय को अपनी मेहनत और व्यवहार से गौरवान्वित किया है।
विदाई समारोह में संवेदनशील माहौल
विदाई समारोह के दौरान अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे जिन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित किया और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। सभी ने मिलकर बच्चों को नई राहों के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह के दौरान बच्चों और शिक्षकों के बीच के स्नेह का दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
शिक्षक की पहचान और योगदान
रंजीत कुमार जिले में एक नवाचारी शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं। वे बच्चों को पढ़ाने के लिए नए-नए शिक्षण पद्धतियों का प्रयोग करते हैं, जिससे बच्चे न सिर्फ ज्ञान प्राप्त करते हैं, बल्कि पढ़ाई में रुचि भी लेते हैं। उनका यही स्नेह और समर्पण उन्हें बच्चों का प्रिय बनाता है।
एक यादगार विदाई
यह विदाई समारोह न केवल बच्चों के लिए बल्कि शिक्षकों और विद्यालय के लिए भी एक अविस्मरणीय पल बन गया। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि शिक्षक और छात्र का रिश्ता सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक भावनात्मक और जीवन भर की स्मृति बन जाने वाला संबंध होता है।
