September 6, 2025

पटना से चोरी हुआ बच्चा नालंदा से सकुशल बरामद, तस्कर गिरफ्तार, मासूम को 2 लाख में बेचा

पटना। राजधानी पटना से 23 अगस्त को चोरी हुआ छह माह का मासूम आखिरकार सकुशल बरामद कर लिया गया है। रेल पुलिस ने नालंदा जिले से बच्चे को सुरक्षित निकालते हुए एक बड़े बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने एक और बच्चे को भी गिरोह के चंगुल से छुड़ाया है, जिसकी पहचान की जा रही है।
ऐसे हुई वारदात
मामला 23 अगस्त का है। रामगढ़ की रहने वाली रेणु कुमारी अपने छह माह के बेटे आर्यन उर्फ देवांश राज के साथ कोटा-पटना एक्सप्रेस की जनरल बोगी से पटना पहुंची थीं। यात्रा के दौरान एक अज्ञात युवक लगातार बच्चे को दुलार करता रहा। पटना जंक्शन पर ट्रेन रुकने के बाद रेणु ने वॉशरूम जाने से पहले बच्चे को उसी युवक के पास छोड़ दिया। जब वह लौटीं, तो न तो बच्चा था और न ही वह युवक। घबराई मां ने स्टेशन पर काफी खोजबीन की, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंततः उन्होंने जीआरपी पटना थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की तत्परता और जांच
शिकायत मिलते ही रेल पुलिस हरकत में आ गई। एडीजी रेल ने विशेष टीम गठित कर साइबर यूनिट और लोकल इंटेलिजेंस की मदद ली। कॉल डिटेल्स, संदिग्ध गतिविधियों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की गई। पुलिस की सतर्कता रंग लाई और नालंदा जिले से मासूम को सकुशल बरामद कर लिया गया। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि बच्चे को महज दो लाख रुपये में बेचा गया था। यह तथ्य सामने आते ही पुलिस ने तस्करी गिरोह की जड़ों तक पहुंचने के लिए अपनी जांच तेज कर दी है।
गिरोह के पास से मिला एक और बच्चा
बरामदगी के दौरान पुलिस को गिरोह के पास से एक और बच्चा मिला, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संभवतः यह बच्चा भी चोरी या तस्करी का शिकार हुआ है। उसके परिवार की तलाश की जा रही है।
बड़ा नेटवर्क, कई लोग संलिप्त
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि एक बड़े गिरोह का हिस्सा है, जो बच्चों की चोरी कर उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचने का काम करता है। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि इस नेटवर्क में कई लोग शामिल हैं। इसमें बच्चों को खरीदने और बेचने वाले दलालों से लेकर उन लोगों तक की भूमिका सामने आ रही है, जो बच्चों को चोरी कर लाने का काम करते हैं।
मां की पीड़ा और राहत
आर्यन की मां रेणु कुमारी ने बेटे की बरामदगी पर राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन उनके लिए नरक जैसे थे। “मुझे लग रहा था कि मेरा लाल अब कभी नहीं मिलेगा। लेकिन पुलिस की मेहनत और कोशिशों से वह आज मुझे वापस मिला है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सुख है।”
पुलिस की सख्ती और अपील
रेल पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और जल्द ही गिरोह के बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की वारदातें समाज के लिए कलंक हैं और इन्हें जड़ से खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि ट्रेन या स्टेशन पर किसी भी अजनबी के भरोसे छोटे बच्चों को न छोड़ें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। पटना जंक्शन से हुई इस वारदात ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था। हालांकि पुलिस की तत्परता और तकनीकी सहायता से मासूम को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। लेकिन इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि आखिर किस तरह तस्करी गिरोह रेलवे स्टेशनों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर सक्रिय हैं। अब पुलिस पर जिम्मेदारी है कि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर इस तरह की वारदातों पर स्थायी रोक लगाए।

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