पटना में नाले में गिरकर 4 वर्षीय बच्चे की मौत, बारात में हादसा, मचा कोहराम

पटना। बिहार की राजधानी पटना से एक बेहद दर्दनाक और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। दानापुर नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सुल्तानपुर पुलिस चौकी के पास एक चार वर्षीय मासूम बच्चा खुले नाले में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है।
बारात की खुशी में छिपा मातम
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब स्थानीय निवासी भुलेटन राय अपने पड़ोसी की बारात में शामिल होने जा रहे थे। उनके साथ उनका छोटा बेटा शिवा भी जिद करके साथ चल पड़ा। बारात की तैयारियों और माहौल में हर कोई व्यस्त था। भुलेटन ने शिवा को एक गली के पास खुले नाले के ऊपर रखे स्लैब पर खड़ा कर दिया और खुद कुछ दूरी पर खड़ी बस को देखने चले गए। यही पल उनके जीवन का सबसे दुखद पल साबित हुआ।
एक चूक ने ली मासूम की जान
शिवा का पैर अचानक फिसल गया और वह स्लैब से सीधे नाले में जा गिरा। हादसे के वक्त आसपास बैंड-बाजा बज रहा था, जिससे बच्चे की आवाज किसी ने नहीं सुनी। वह धीरे-धीरे बहता चला गया और किसी को उसकी मौजूदगी तक का पता नहीं चला। जब भुलेटन वापस लौटे तो उन्हें शिवा वहां नहीं मिला। पहले तो उन्होंने खुद बच्चे की तलाश की, लेकिन जब देर रात तक उसका कोई पता नहीं चला तो वे दानापुर थाना पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर की तलाश
सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आसपास के लोगों से पूछताछ की और तत्परता से बच्चे की खोज शुरू की। स्थानीय लोगों की मदद से नाले की तलाशी ली गई, जिसमें कुछ देर बाद शिवा का शव बरामद हुआ। जैसे ही शव मिला, पूरे परिवार में मातम पसर गया और लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा
हादसे के बाद इलाके में गुस्से का माहौल बन गया। लोगों ने आरोप लगाया कि दानापुर क्षेत्र में कई स्थानों पर नाले या तो खुले हैं या फिर उन पर लगे स्लैब टूटे हुए हैं। उन्होंने नगर परिषद पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यदि समय रहते इन नालों को दुरुस्त किया गया होता तो आज यह हादसा नहीं होता।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आश्वासन
घटना की गंभीरता को देखते हुए नगर परिषद के नगर प्रबंधक अमरेन्द्र कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया दी और इसे बेहद दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 15 जून तक क्षेत्र के सभी खुले नालों और टूटे स्लैब की मरम्मत पूरी कर ली जाए। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बयान सिर्फ औपचारिकता है और प्रशासन की निष्क्रियता ने ही यह हादसा करवाया।
परिवार ने पोस्टमार्टम से किया इनकार
शिवा के परिजनों ने शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और सीधा अंतिम संस्कार कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें पता है बच्चा कैसे मरा, अब औपचारिक जांच की कोई जरूरत नहीं।
एक सवाल, जो अब भी बाकी है
यह घटना सिर्फ एक बच्चे की मौत नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। अब सवाल यह है कि क्या इस हादसे के बाद प्रशासन जागेगा, या फिर कोई और शिवा ऐसे ही किसी खुले नाले की भेंट चढ़ जाएगा? स्थानीय लोगों की उम्मीदें अब नगर परिषद की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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