बिहार में लगातार बढ़ रहे चिकनपॉक्स के मामले, केंद्र ने सुरक्षा को लेकर एडवाइजरी की जारी

पटना। बिहार में बढ़ रहे चिकनपॉक्स के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने राज्य स्वास्थ्य समिति के कायार्पालक निदेशक संजय कुमार सिंह को एडवाइजरी जारी की है। इसमें चिकनपॉक्स से बचाव, प्रबंधन व उपचार के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। मालूम हो कि वीजेडवी (वरसीला जोस्टर वायरस) के कारण पूरे बिहार में चिकनपॉक्स के मामले बढ़े हैं। यह वायरस काफी संक्रामक होने के कारण तेजी से फैलता है। यह अमूमन बच्चों को अपनी चपेट में लेता है, लेकिन सभी उम्र के लोग इससे पीड़ित होते हैं। एडवाइजरी के मुताबिक चिकनपॉक्स से संक्रमित बच्चों को स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व डे केयर सेंटर भेजने से मना किया गया है। बिहार में सबसे ज्यादा सुपौल, सीवान और त्रिवेणीगंज में बच्चे और अन्य आयु वर्ग के लोग चिकनपॉक्स के शिकार हो रहे हैं। जिसे सामूहिक प्रयास से कम करने को लेकर सरकारी अस्पतालों को जागरूकता फैलाने व उपचार संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं। चिकनपॉक्स से पीड़ित बच्चों और व्यक्तियों को छह दिनों तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा वायरस से पीड़ित लोगों को छींकते या खांसते वक्त नाक/मुंह पर रूमाल या नैपकिन रखने के साथ ही साबुन से हाथ धोने की सलाह दी गई है। व्यस्क, गर्भवती महिलाएं, वृद्ध, कमजोर इम्युनिटी वाले व एक माह तक के नवजात में चिकनपॉक्स का खतरा ज्यादा रहता है। अगर किसी में चिकनपॉक्स के लक्षण आते हैं तो वह हेल्थ फैसिलीटेटर, एएनएम या आशा वर्कर से संपर्क करे। एडवाइजरी में बच्चों को एस्प्रिन नहीं देने की सलाह दी गई है। वहीं कुछ नन एस्प्रिन समूह की दवाएं जैसे एसीटामीनोफेन चिकित्सकीय सलाह पर संक्रमित व्यक्ति को दे सकते हैं।

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