पटना में छठ घाटों की हालत बेहद खराब, मिट्टी हटाने जुटा प्रशासन, विभाग ने 1 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट

पटना। बिहार की राजधानी पटना के गंगा घाटों की स्थिति इस वक्त बेहद दयनीय हो चुकी है। आगामी छठ पर्व को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए इन घाटों की सफाई और सुधार का कार्य प्रशासन द्वारा तेजी से शुरू किया गया है, लेकिन घाटों पर जमा गंदगी, दलदल और मिट्टी ने सफाई अभियान को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। घाटों पर जमी गहरी मिट्टी को हटाने के दौरान गंगा का पानी ऊपर आने से सफाई कार्य में रुकावटें आ रही हैं। इसके अलावा, आसपास के मोहल्लों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है, जिससे नदी का जल लगातार प्रदूषित हो रहा है। पटना के गंगा घाटों की हालत पिछले कुछ वर्षों में बदतर होती चली गई है। बारिश और बाढ़ के कारण यहां मिट्टी और गाद जमा हो गए हैं, जिससे घाटों पर दलदल की स्थिति पैदा हो गई है। कई घाटों पर पानी जमा होने से श्रद्धालुओं के लिए इन स्थानों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है। खासकर, छठ जैसे महापर्व के दौरान जब लाखों लोग गंगा घाटों पर एकत्रित होते हैं, तो इस स्थिति में उनका घाटों तक पहुंच पाना असंभव सा हो गया है। पिछले वर्ष बरसात के दौरान घाटों पर लगाए गए होम पाइप भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। छठ पूजा को लेकर पटना जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। प्रशासन की ओर से सफाई और घाटों की मरम्मत के काम को प्राथमिकता दी जा रही है। नगर निगम और जल संसाधन विभाग के अधिकारी घाटों की स्थिति का आकलन कर रहे हैं। जल संसाधन विभाग ने इसके लिए चार कार्यपालक अभियंताओं की एक टीम का गठन किया है, जो शहर के 108 घाटों का निरीक्षण कर 1 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर उन घाटों की सूची तैयार की जाएगी, जो श्रद्धालुओं के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। साथ ही, घाटों की मरम्मत और सफाई के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। घाटों पर सफाई कार्य के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई के दौरान जब मिट्टी हटाई जा रही है, तो गंगा का पानी ऊपर आ रहा है, जिससे सफाई कार्य में रुकावट आ रही है। इसके अलावा, आसपास के मोहल्लों का गंदा पानी बिना किसी रुकावट के गंगा में गिर रहा है, जिससे न केवल नदी का जल प्रदूषित हो रहा है बल्कि छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भी यह एक गंभीर समस्या बन सकता है। छठ पर्व बिहार का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व है, जिसमें श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे सूर्य को अर्घ्य देते हैं। ऐसे में घाटों की साफ-सफाई और वहां बुनियादी सुविधाओं का होना अत्यंत आवश्यक है। जिला प्रशासन और नगर निगम ने इस बार छठ पूजा के लिए घाटों पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। जिन घाटों पर छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होती है, उन घाटों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी चिन्हित किया जा रहा है कि कौन-कौन से गंगा घाट खतरनाक हैं, जहां श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लगाई जा सकती है। नगर निगम की ओर से घाटों पर सफाई और सुविधाओं को लेकर विशेष योजना बनाई गई है। गंगा के किनारे बने घाटों की सफाई के साथ-साथ जलस्तर और सुरक्षा का भी ध्यान रखा जा रहा है। घाटों पर जमा मिट्टी और गाद को हटाने के लिए बड़े-बड़े क्रेन और जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से घाटों पर टेंट, शौचालय और पानी की व्यवस्था की जाएगी ताकि छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। पटना के गंगा घाटों की मौजूदा स्थिति श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। प्रशासन की ओर से सफाई कार्य और मरम्मत की कोशिशें जारी हैं, लेकिन सफाई कार्य में आ रही बाधाओं के चलते यह चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। 1 नवंबर तक रिपोर्ट आने के बाद ही प्रशासन द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी। हालांकि, नगर निगम और जिला प्रशासन इस बार छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

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