विधायक चेतन आनंद के साथ पटना एम्स में हुई मारपीट, जूनियर डॉक्टरों के साथ विवाद, बंधक बनाया, शिकायत दर्ज

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। शिवहर से विधायक चेतन आनंद के साथ बुधवार रात पटना एम्स में हुई कथित मारपीट और बंधक बनाए जाने की घटना ने पुलिस और प्रशासन को सक्रिय कर दिया है। बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे और विधायक चेतन आनंद ने आरोप लगाया है कि एम्स के गार्ड और जूनियर डॉक्टरों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की, अभद्र व्यवहार किया और करीब आधे घंटे तक एक कमरे में बंधक बनाकर रखा। इस घटना को लेकर फुलवारीशरीफ थाना में विधायक की ओर से लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है। घटना बुधवार देर रात करीब 12 बजे की बताई जा रही है, जब विधायक चेतन आनंद अपने कुछ समर्थकों के साथ पटना एम्स पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक वे वहां एक मरीज से मिलने पहुंचे थे। इसी दौरान अस्पताल के सुरक्षाकर्मी ने मरीज से मिलने को लेकर आपत्ति जताई। इसके बाद कहासुनी का माहौल गर्म हो गया। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि एम्स के गार्ड और कुछ जूनियर डॉक्टरों ने मिलकर विधायक और उनके साथियों से कथित तौर पर हाथापाई शुरू कर दी। विधायक चेतन आनंद ने आरोप लगाया है कि उन्हें और उनके साथियों को अस्पताल के एक कमरे में बंद कर दिया गया और करीब आधे घंटे तक उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया। विधायक ने कहा कि यह घटना न केवल जनप्रतिनिधियों के सम्मान के खिलाफ है, बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं का भी उल्लंघन है। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर, पटना एम्स प्रशासन की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो एम्स प्रशासन इस मामले की आंतरिक जांच कर रहा है और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर अस्पताल कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। फुलवारी थाना अध्यक्ष ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि विधायक चेतन आनंद पहले राजद के विधायक थे, लेकिन बीते साल बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और एनडीए के समर्थन में खड़े हो गए थे। उनके साथ तीन अन्य विधायकों ने भी यही रास्ता अपनाया था। इस घटना के बाद राजद ने इन सभी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी, लेकिन अब तक विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विधायक चेतन आनंद की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी काफी दिलचस्प रही है। उन्होंने 2015 में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की छात्र इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले वह और उनकी मां लवली आनंद राजद में शामिल हो गए थे। फिलहाल चेतन एनडीए में सक्रिय हैं, जबकि उनकी मां लवली आनंद वर्तमान में जदयू से शिवहर से लोकसभा सांसद हैं। घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कई विपक्षी नेताओं ने इस घटना की निंदा की है, वहीं सत्ताधारी खेमे में भी इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। अब देखना होगा कि इस विवाद पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है और क्या अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है या मामला राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में चला जाता है।
