कोरोना पर आस्था भारी : उलार्क सूर्य मंदिर तालाब में अर्घ्य देने को लेकर उमड़ी भीड़, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ कल संपन्न होगा चैती छठ

36 घंटे के उपवास के साथ खत्म होगा चतुर्दिवसीय महापर्व, व्रती करेंगी पारण
पटना। छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार को रवियोग में व्रतियों ने भगवान सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की। चैत्र शुक्ल सप्तमी सोमवार को सुकर्मा योग में प्रत्यक्ष देव भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण करेंगी। इसके साथ ही इस चार दिवसीय अनुष्ठान के साथ 36 घंटे से चला आ रहा निर्जला उपवास भी समाप्त हो जाएगा।

भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि व्रती कल सुकर्मा योग में उदीयमान सूर्य को दूध और जल से अर्घ्य देकर व्रत का समापन कर पारण करेंगी। आज प्रात:कालीन अर्घ्य का शुभ मुहूर्त प्रात: 05:39 बजे से 06:01 बजे तक है। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर आयु-आरोग्यता, यश, संपदा का आशीर्वाद भी लेंगी। यह पर्व पारिवारिक सुख समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रती पूरे विधि-विधान से छठ का व्रत करती हैं। इस पर्व को करने से रोग, शोक, भय आदि से मुक्ति मिलती है।
उलार्क सूर्य मंदिर तालाब में अर्घ्य देने को लेकर उमड़ी भीड़
दुलहिन बाजार। पटना के दुलहिन बाजार प्रखंड क्षेत्र के उलार गांव स्थित उलार्क सूर्य मंदिर परिसर के तालाब में चैती छठ पूजा के दूसरे दिन अर्घ्य देने के लिए छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी। कोरोना को लेकर इलाके में दहशत बनी हुई है। प्रतिदिन हो रहे मौत से लोग बिचलित हैं। इसके बावजूद भी भगवान के प्रति लोगों में आस्था कम नहीं हुई। प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद भी छठ व्रती रविवार को अस्तलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उलार्क सूर्य मंदिर परिसर में स्थित तालाब पर पहुंच गए। वहीं उन व्रतियों ने पूरी श्रद्धा के साथ अस्तलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। बताया जा रहा है कि रविवार को 20 हजार से अधिक छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया। बता दे कि पिछले कई दिनों पूर्व ही एक बैठक कर छठ पूजा के आयोजन पर प्रशासन की ओर से रोक लगाई गई थी। यहां तक की इलाके में माइकिंग के द्वारा अलाउंस कराया गया था। लेकिन छठ मईया के श्रद्धा में सराबोर व्रती उलार्क सूर्य मंदिर पहुंच गए।