बिहार कांग्रेस : राहुल गांधी ने जिसे हटाया था, भक्त चरण दास ने उसे बना दिया डेलीगेट, अंतर्कलह बढ़ा

पटना। अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति में बिहार के दिल्ली गेट के सूची जारी होने के बाद बिहार कांग्रेस में बवाल की स्थिति पैदा हो गई है। हालात यह है कि प्रदेश स्तर के कई बड़े दिग्गज कांग्रेसी नेता इस सूची में अपने गायब नाम को देखकर हैरान है। वहीं दूसरी तरफ सूची में ऐसे कुछ सदस्यों के नाम हैं। जिन पर पूर्व में पार्टी के द्वारा कई बार कार्रवाई तक किया जा चुका है।कुछ ऐसे चेहरे भी हैं। जो साल भर पहले ही पार्टी में शामिल हुए हैं। इस सूची के जारी होने के बाद बिहार प्रदेश कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रभारी भक्त चरण दास को लेकर वृक्षों की संख्या बढ़ती जा रही है। आईसीसी के टीम में इस बार कुमार आशीष को भी जगह मिली है। जो वर्ष 2005 में इंटर के प्रश्न पत्र लीक करने के आरोप में जेल जा चुके हैं। जिसके आधार पर उन पर पार्टी के द्वारा पूर्व में कार्रवाई भी किया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता कुमार आशीष को उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के सचिव के रूप में पार्टी के द्वारा नियुक्ति दी गई थी। बाद में जब यह सच्चाई सामने आई कि वह इंटर प्रश्न पत्र लीक मामले में जेल जा चुके हैं। तो कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उनके नियुक्ति को रद्द कर दिया था। विदित हो उस समय भी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा बिहार सरकार के वर्तमान कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी ने उन पर यह आरोप लगाया था।अशोक चौधरी के द्वारा सवाल उठाने के उपरांत कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर उनको हटाने की कार्रवाई की गई थी।कांग्रेस के विक्षुब्धों ने बताया कि कुमार आशीष का नाम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य के तौर पर देख कर उन्हें गहरा आश्चर्य हुआ है। इतना ही नहीं तकरीबन 1 वर्ष पूर्व पार्टी में शामिल हुए आई पी गुप्ता को भी अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति का सदस्य बना दिया गया।जबकि कई नेता वर्षों से कांग्रेस का ध्वज ढ़ो रहे हैं। मगर उन्हें जगह नहीं मिली।पार्टी के अंदरखाने में चल रही चर्चाओं के मुताबिक कई ऐसे नेता जो अभी वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकलापों तथा नीतियों को लेकर मुख्यधारा के अग्रिम पंक्ति में सक्रिय है। उन्हें भी राष्ट्रीय कार्यसमिति का डेलिगेट नहीं बनाया गया। इस सूची को लेकर पार्टी के अंदर आने वाले दिनों में घमासान और बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के कई करीबी व्यक्तियों का नाम सूची से गायब मिला। जबकि उनके नाम होने की संभावनाएं ज्यादा थी। इस सूची के जारी होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी सतही तौर पर जाहिर होने लगी है।

About Post Author

You may have missed