November 12, 2025

बिहारशरीफ में वोटिंग में बवाल, बीजेपी के चार कार्यकर्ता गिरफ्तार, नियम उल्लंघन का मामला

नालंदा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के बीच गुरुवार को नालंदा जिले के बिहारशरीफ में मतदान के दौरान तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला। यहां अंबेर क्षेत्र के बूथ संख्या 226 से 232 के पास चार भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद इलाके में हल्का बवाल मच गया। आरोप है कि ये कार्यकर्ता मतदाताओं को पर्ची बांट रहे थे, जबकि पुलिस का कहना है कि वे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे।
मतदान के बीच अंबेर क्षेत्र में हंगामा
घटना बिहारशरीफ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 16 की है। गुरुवार सुबह मतदान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन करीब 10 बजे के आसपास अंबेर तीन-मुहानी इलाके में पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। बिहार थाना में तैनात सब-इंस्पेक्टर रवि कुमार ने चार भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस के मुताबिक, ये लोग बूथ के बेहद पास मतदाताओं को पर्ची बांट रहे थे, जिस पर उम्मीदवार का नाम और नंबर छपा हुआ था। यह चुनाव नियमों का उल्लंघन माना जाता है, इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर थाने भेजा गया।
भाजपा प्रत्याशी का आरोप — “पुलिस कर रही पक्षपात”
बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुनील कुमार ने इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की गई है। डॉ. कुमार ने कहा, “हमारे कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से मतदाताओं की मदद कर रहे थे। बीएलओ ने घर-घर जाकर वोटर स्लिप नहीं पहुंचाई, इसलिए हमारे कार्यकर्ता केवल मदद कर रहे थे। लेकिन एसआई रवि कुमार ने उन्हें पकड़कर थाने भेज दिया।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसआई रवि कुमार आरजेडी समर्थक हैं और जानबूझकर भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। डॉ. सुनील ने कहा, “दारोगा ने धमकी दी कि तुम्हारे लोगों को यहां काम नहीं करने देंगे। यह पूरी तरह पक्षपातपूर्ण रवैया है। मैं प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।”
पार्षद प्रतिनिधि ने दी सफाई
वार्ड 16 के पार्षद प्रतिनिधि आशीष रंजन ने भी इस मामले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता बूथ से लगभग 150 मीटर की दूरी पर थे, और वहां वे केवल मतदाताओं को उनकी वोटिंग जानकारी देने के लिए पर्ची दे रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे पास कोई प्रचार सामग्री नहीं थी। बीएलओ ने कई इलाकों में वोटर स्लिप नहीं पहुंचाई थी, इसलिए हम खुद अपने खर्चे से पर्ची बनाकर लोगों को दे रहे थे ताकि मतदान में आसानी हो।” आशीष ने आरोप लगाया कि एसआई रवि कुमार ने उन्हें पहचानने के बावजूद जबरदस्ती उनके चार साथियों को पकड़ लिया और उनके पास मौजूद सभी पर्चियां, वोटर लिस्ट और मोबाइल फोन जब्त कर लिए। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारी ने हाथापाई की और धमकी दी कि “यहां किसी को काम नहीं करने देंगे।”
पुलिस का पक्ष — “आचार संहिता उल्लंघन का मामला”
वहीं, पुलिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बिहार थाना प्रभारी ने कहा कि “चार लोगों को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि वे मतदान केंद्र के पास मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार मतदान केंद्र से 100 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार का प्रचार या पर्ची वितरण निषिद्ध है।” उन्होंने कहा कि स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। थाना प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावी माहौल में किसी भी तरह की अराजकता या नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटनास्थल पर तनाव और प्रशासन की मुस्तैदी
घटना के बाद कुछ समय के लिए मतदान केंद्र के आसपास तनावपूर्ण माहौल बन गया। समर्थक नारेबाजी करने लगे और पुलिस के खिलाफ विरोध जताने लगे। हालांकि, मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को संभाल लिया और मतदान दोबारा सामान्य रूप से शुरू हुआ। प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया ताकि किसी भी तरह की दोबारा गड़बड़ी न हो। जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी घटना की रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि “चुनाव के दौरान कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अगर किसी अधिकारी या कार्यकर्ता ने नियमों का उल्लंघन किया है, तो उस पर कार्रवाई होगी।”
विपक्ष का पलटवार
दूसरी ओर, आरजेडी के स्थानीय नेताओं ने भाजपा पर ही नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “भाजपा जानबूझकर मतदान केंद्रों के पास अपने समर्थक भेजकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”
शांतिपूर्ण मतदान की अपील
तनाव के बावजूद दोपहर तक मतदान की प्रक्रिया फिर से सुचारू रूप से चलने लगी। प्रशासन ने मतदाताओं से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्वक अपना वोट डालें। जिला प्रशासन ने कहा कि किसी भी गड़बड़ी या हिंसा की कोशिश को सख्ती से दबाया जाएगा। बिहारशरीफ की यह घटना दिखाती है कि बिहार चुनाव का माहौल कितना संवेदनशील है। एक तरफ उम्मीदवार निष्पक्षता की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लग रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई नियमों के तहत की गई है, लेकिन इस घटना ने चुनावी तनाव को और बढ़ा दिया है। अब सबकी निगाहें जिला निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट पर हैं, जो तय करेगी कि मामला वास्तव में नियम उल्लंघन का था या फिर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम। फिलहाल, बिहारशरीफ में माहौल सामान्य है, मतदान जारी है, और प्रशासन की कोशिश है कि लोकतंत्र का यह पर्व बिना किसी बाधा के शांतिपूर्वक संपन्न हो।

You may have missed