पंजाब में स्कूल और कॉलेज की कैंटीन में बड़ा बदलाव, मान सरकार ने एनर्जी ड्रिंक की बिक्री पर बैन
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में बड़ी पहल करते हुए कैंटीन में एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में भी इन पेय पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। इस निर्णय की घोषणा पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ‘ईट राइट’ मेले के उद्घाटन के दौरान की। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा भी मौजूद थे।
युवाओं की जीवनशैली में सुधार के उद्देश्य से लिया गया फैसला
सरकार का यह निर्णय पंजाब के युवाओं के स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है। एनर्जी ड्रिंक्स में उच्च मात्रा में कैफीन और शुगर होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती है। इसके अधिक सेवन से नींद न आना, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसी कारण सरकार ने इन पेय पदार्थों को स्कूल और कॉलेज परिसरों से दूर रखने का निर्णय लिया है।
कैंटीन और दुकानों पर रखी जाएगी कड़ी नजर
सरकार इस प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए सख्त कदम उठा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित रूप से स्कूल और कॉलेज कैंटीन की जांच करेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री न हो। इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थानों के पास स्थित दुकानदारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इन पेय पदार्थों के विज्ञापन न लगाएं और इनकी बिक्री न करें।
स्वस्थ विकल्पों को बढ़ावा देने की पहल
एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ सरकार ने छात्रों को स्वास्थ्यवर्धक विकल्प उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया है। कैंटीन में अब लस्सी, नींबू पानी, ताजे फलों के जूस और बाजरे से बने उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे बच्चों और युवाओं को पोषण से भरपूर आहार मिलेगा, जिससे उनकी सेहत में सुधार होगा।
मोटे अनाज (मिलेट्स) के उपयोग पर जोर
डॉ. बलबीर सिंह ने मिलेट्स यानी मोटे अनाज को आहार में शामिल करने पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि बाजरा, ज्वार, सांवा, रागी, कंगनी और कोदरा जैसे अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इनके सेवन से न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ होता है, बल्कि इनकी खेती से पानी की भी बचत होती है।
सरकार का कदम और इसके संभावित लाभ
सरकार के इस फैसले से न केवल युवाओं की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह जागरूकता भी बढ़ाएगा कि किस तरह के खाद्य पदार्थ सेहत के लिए फायदेमंद हैं। स्कूल और कॉलेजों में हेल्दी फूड को बढ़ावा देने से छात्र पोषणयुक्त आहार की आदत डालेंगे, जिससे उनका संपूर्ण विकास होगा। इस निर्णय को लागू करने के लिए सरकार पूरी तरह से सतर्क है और सख्ती से इसकी निगरानी की जाएगी। उम्मीद है कि यह कदम पंजाब के युवाओं की सेहत सुधारने में अहम भूमिका निभाएगा और अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।


