CCTV ने खोला 57 लाख की लूट का राज : कंपनी का पैसा हड़पने के लिए कर्मचारी ने रची थी साजिश, 40 लाख बरामद, गिरफ्तार रवि बाढ़ का है निवासी
पटना। बीते 1 सितंबर की शाम पटना के एग्जीबिशन रोड के आनंद टावर में थर्ड फ्लोर पर स्थित पश्चिम बंगाल की कंपनी के 57 लाख रुपए के लूट का मामला गबन का निकला। पटना कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी ने ही अपने दोस्त के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी। इसमें स्टाफ ने 40 लाख रुपए अपने पास रखे थे। जबकि 15 लाख से अधिक रुपए उसने दोस्त को दे दिए। गुरुवार को पटना पुलिस ने मामले का खुलासा की दिया।
पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कंपनी का रुपए गबन करने वाले स्टाफ रवि भास्कर को गिरफ्तार किया गया है। रवि बाढ़ के एनटीपीसी थाना क्षेत्र के रैली गांव का रहने वाला है। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने कदमकुआं में बुद्ध मूर्ति के पास के एक लॉज से 40 लाख रुपए भी बरामद किए हैं। इस लॉज में रवि भास्कर का एक भाई रहता है। रुपए बैग में रखकर इसी के कमरे में छिपाए गए थे। हालांकि रवि का भाई फिलहाल पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है। अब पुलिस को रवि के फरार भाई की तलाश है। इसके नाम और पहचान को पुलिस ने अभी जाहिर नहीं किया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।
सीसीटीवी से पुलिस के हाथ लगा बड़ा क्लू
एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि रवि बी. एड कर करीब डेढ़-दो सालों से पं बंगाल के दुर्गापुर की स्टील कंपनी अंकित मेटल एंड पावर लिमिटेड के लिए पटना में काम कर रहा था। कंपनी ने कैश कलेक्शन की जिम्मेदारी रवि को दे रखी थी। बीते 1 सितंबर की शाम 7 बजे के करीब तीसरे व्यक्ति ने कॉल कर आनंद टावर में 57 लाख रुपए के लूट की जानकारी दी थी। बताया था कि वारदात शाम से पहले 3:50 बजे के करीब की है। इसके बाद एसएसपी और उनकी टीम मौके पर पहुंची। आॅफिस से लेकर बिल्डिंग के पूरे कैंपस को खंगाला गया। यहां लिफ्ट और सीढ़ी के जरिए दो रास्ते हैं। हर फ्लोर पर सीसीटीवी लगा मिला। इसमें कुछ खराब भी थे। पुलिस की पूछताछ के दौरान कैंपस में मौजूद लोगों ने कैश लूट की जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया। इससे पुलिस का शक गहरा गया। फिर कैंपस के अंदर और बाहर लगे हर एक सीसीटीवी के फुटेज को खंगाला गया। इसी में पुलिस के हाथ एक बड़ा क्लू लगा। कैश कलेक्ट करके जिस वक्त रवि भास्कर पहुंचा, उसी दौरान उसका दोस्त भी वहां आया था। सीढ़ी के रास्ते वह थर्ड फ्लोर पर पहुंचा। कंपनी के आॅफिस में घूसा और कुछ देर बाद ही एक बैग को कंधे पर टांग कर बड़े आराम से पैदल ही एग्जीविशन रोड से जमाल रोड होते हुए आॅटो में जाकर बैठा और निकल गया। ये क्लू पुलिस के लिए बड़ा हथियार साबित हुई।
पुलिस पहले ही निकाल चुकी थी रिजल्ट
एसएसपी ने बताया कि पिछले साल नवंबर में भी गिरफ्तार रवि ने ऐसी ही एक घटना की थी। कंपनी को बता दिया था कि आॅफिस में घुसकर अपराधियों ने करीब 40 लाख रुपए लूट लिए हैं। जबकि न तो कोई लूट हुई थी और न ही उसकी कोई एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। इस बार भी ये लोग कोई एफआईआर नहीं करवाने वाले थे। पुलिस एक सप्ताह से शिकायत मिलने का इंतजार कर रही थी। हालांकि जांच में पुलिस इस केस का रिजल्ट पहले ही निकाल चुकी थी। इंतजार सिर्फ शिकायत का था। 8 सितंबर को रवि भास्कर के बयान पर ही लूट की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई और फिर उसे ही कस्टडी में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस को मिले सबूतों को देख उसने जुर्म कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर ही रुपए बरामद किए गए।


