राज्य के निबंधन कार्यालयों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे, कागजात से छेड़छाड़ करने पर होगी कार्रवाई

पटना। बिहार सरकार ने जमीन-जायदाद से जुड़े दस्तावेजों की सुरक्षा और रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों में अब सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े कागजातों के साथ छेड़छाड़, चोरी या आगजनी जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
कई जिलों में पूरी हुई प्रक्रिया
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने राज्य के 140 जिला अवर निबंधन कार्यालयों और 9 प्रमंडलीय कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पहले ही स्वीकृत कर दी थी। इसके तहत अब तक 125 कार्यालयों में कैमरे ऑनलाइन कर दिए गए हैं। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर निगरानी होगी बल्कि राज्य मुख्यालय से भी सीधा मॉनिटरिंग किया जा सकेगा। पटना, आरा, भागलपुर, औरंगाबाद, बेतिया और बेगूसराय जैसे बड़े जिलों में प्रति कार्यालय 18 से 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं छोटे निबंधन कार्यालयों में 12 से 14 कैमरे लगाए गए हैं। अब तक 88 कार्यालयों में पूरी तरह से सीसीटीवी सिस्टम चालू कर दिया गया है जबकि शेष 60 कार्यालयों में यह काम अंतिम चरण में है।
दस्तावेजों की सुरक्षा अब होगी पुख्ता
राज्य के निबंधन कार्यालयों में जमीन से जुड़े लाखों महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे जाते हैं। ये दस्तावेज कई बार अनियमितताओं और आपराधिक घटनाओं की वजह से नुकसान की चपेट में आ जाते हैं। हाल के वर्षों में दस्तावेजों की चोरी, अभिलेखागार में सेंधमारी और आगजनी की घटनाओं ने सरकार की चिंता बढ़ा दी थी। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया ताकि अभिलेखागार की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
लोगों के हित में है यह कदम
बिहार में निबंधन कार्यालयों में रोजाना बड़ी संख्या में लोग जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री कराने पहुंचते हैं। इन कार्यालयों में कामकाज की प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित रहे, यह लोगों के हित में है। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी से न केवल कर्मचारियों पर जिम्मेदारी बढ़ेगी बल्कि दलालों और गलत तत्वों पर भी नजर रखी जा सकेगी। इससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी या कागजों में हेराफेरी की कोशिश तुरंत पकड़ी जा सकेगी।
राज्य मुख्यालय से होगी निगरानी
सरकार ने यह व्यवस्था इस तरह तैयार की है कि सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाला फीड राज्य मुख्यालय में भी रिकॉर्ड और मॉनिटर होगा। यानी किसी भी कार्यालय में अगर कोई गड़बड़ी होती है तो उसका पता तुरंत लग जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई भी हो सकेगी। अधिकारियों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कागजातों से छेड़छाड़ करता पकड़ा गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा के साथ सुविधा भी बढ़ेगी
सरकार का मानना है कि सीसीटीवी कैमरे लगाने से कार्यालयों में भीड़भाड़ और अव्यवस्था पर भी अंकुश लगेगा। कैमरों की मौजूदगी से कर्मचारी भी सतर्क रहेंगे और कामकाज में ढिलाई या लापरवाही कम होगी। इससे दस्तावेजों से जुड़े काम में तेजी आएगी और आम लोगों को कम समय में बेहतर सेवा मिलेगी।
दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन पर भी जोर
राज्य सरकार जमीन के दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए सीसीटीवी निगरानी के साथ-साथ डिजिटलाइजेशन पर भी काम कर रही है। पुराने दस्तावेजों को स्कैन कर डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित किया जा रहा है ताकि आगजनी या चोरी जैसी किसी भी घटना में मूल दस्तावेज नष्ट होने के बावजूद जानकारी सुरक्षित रहे।
लोगों में बढ़ा भरोसा
सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद आम लोगों में भी इस व्यवस्था को लेकर भरोसा बढ़ा है। लोग मानते हैं कि अब उनकी जमीन-जायदाद के कागजात ज्यादा सुरक्षित रहेंगे और किसी भी तरह की धांधली की संभावना नहीं के बराबर होगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह पहल राज्य में निबंधन प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब जरूरत है कि इस व्यवस्था का पूरी तरह पालन हो और निगरानी तंत्र को हमेशा सक्रिय रखा जाए ताकि जमीन से जुड़े हर दस्तावेज सुरक्षित रहें और आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।

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