राजद प्रत्याशी भाई वीरेंद्र के खिलाफ केस दर्ज, दरोगा को धमकाया था, जातिसूचक शब्द प्रयोग करने का आरोप
पटना। पटना जिले के मनेर विधानसभा क्षेत्र में पहले चरण के मतदान के दौरान गुरुवार को एक बड़ी राजनीतिक हलचल उस समय मच गई जब राजद प्रत्याशी भाई वीरेंद्र पर मतदान केंद्र पर तैनात एक पुलिस अधिकारी को धमकाने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगा। मामले के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
मतदान केंद्र पर विवाद से मचा हंगामा
घटना मनेर के महिनावां हाईस्कूल स्थित मतदान केंद्र की है, जहां बूथ संख्या 79, 80 और 81 पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। सुबह लगभग 10 बजे के आसपास एक वृद्ध महिला वोट डालने पहुंचीं और मतदान पर्ची दिखाकर बूथ नंबर की जानकारी पूछ रही थीं। उस वक्त वहां ड्यूटी पर तैनात सहायक पुलिस अवर निरीक्षक भरत तिवारी महिला की सहायता कर रहे थे ताकि वह सही बूथ तक पहुंच सकें। इसी दौरान राजद प्रत्याशी भाई वीरेंद्र अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाया कि वह “एक विशेष दल के पक्ष में काम कर रहे हैं।” इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। गवाहों के अनुसार, इसी बहस के दौरान भाई वीरेंद्र ने पुलिस अधिकारी को “जला देने की धमकी” दी और उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।
पुलिस अधिकारी ने दी लिखित शिकायत
घटना के तुरंत बाद सहायक पुलिस अवर निरीक्षक भरत तिवारी ने मनेर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार राजद प्रत्याशी ने ड्यूटी के दौरान उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके ऊपर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की गई। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद गंभीरता से मामला दर्ज किया। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (दानापुर-2) अमरेंद्र कुमार झा ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि “मतदान केंद्र पर पुलिस कर्मियों को धमकाना और जातिसूचक टिप्पणी करना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। इस संबंध में विधि-सम्मत कार्रवाई की जा रही है।”
राजद प्रत्याशी पर लगा आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, भाई वीरेंद्र पर न केवल धमकी और जातिसूचक टिप्पणी का आरोप है, बल्कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला भी दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी को धमकाना और अपशब्द कहना कानूनन गंभीर अपराध है। मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी भेजी जाएगी ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं केस
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब भाई वीरेंद्र विवादों में घिरे हों। इससे पहले भी उनके खिलाफ एससी-एसटी थाने में केस दर्ज हो चुका है। उस मामले में उन पर एक पोलिंग एजेंट से मारपीट करने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगा था। सूत्रों के अनुसार, मनेर के जमुनीपुर मतदान केंद्र संख्या 95 पर एक राजनीतिक दल के गमछे को लेकर विवाद हुआ था, जिसके दौरान पोलिंग एजेंट पंकज कुमार, पिता प्रमोद कुमार को चोट आई थी। पंकज ने मनेर थाने में चार लोगों के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी।
मतदान के दौरान अन्य जगहों पर भी तनाव
मनेर की इस घटना के अलावा, मतदान के दौरान बिहार के अन्य इलाकों से भी हल्के तनाव की खबरें आईं। बाढ़ विधानसभा क्षेत्र के एकडंगा गांव के पास मतदान के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मतदान के लिए जा रहे कुछ लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया। हालांकि, अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। वहीं, अथमलगोला क्षेत्र में पुलिस ने मतदान प्रक्रिया में बाधा डालने और अशांति फैलाने के आरोप में 11 लोगों को हिरासत में लिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि चुनाव की निष्पक्षता और शांति बनाए रखने के लिए किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पुलिस जांच में जुटी, कानून के दायरे में कार्रवाई होगी
मनेर थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने सभी गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं और घटनास्थल पर मौजूद मतदान कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि विवाद के दौरान मौजूद अन्य लोगों ने क्या देखा और किस परिस्थिति में बहस इतनी बढ़ गई। अधिकारी ने बताया कि “घटना का वीडियो फुटेज भी खंगाला जा रहा है। अगर फुटेज में धमकी और जातिसूचक टिप्पणी की पुष्टि होती है, तो आगे और धाराएं जोड़ी जाएंगी। किसी भी साक्ष्य को छोड़ा नहीं जाएगा।”
चुनाव आयोग का रुख और प्रशासन की सख्ती
चुनाव आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि यदि राजद प्रत्याशी के खिलाफ आरोप साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि “मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक कार्यकर्ता को प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। निष्पक्ष मतदान कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” मनेर विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी भाई वीरेंद्र के खिलाफ दर्ज यह मामला बिहार की चुनावी राजनीति में नया मोड़ लेकर आया है। जहां एक ओर प्रशासन निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटनाएँ चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती हैं। मामले की जांच जारी है और पुलिस ने संकेत दिया है कि पर्याप्त सबूत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती को सामने लाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में जिम्मेदारी और संयम दोनों की आवश्यकता है।


