November 12, 2025

रोहतास में सुराज पार्टी प्रत्याशी रितेश पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज, आचार संहिता उल्लंघन का मामला, रोड शो पर कार्रवाई

रोहतास। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच रोहतास जिले में जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी और भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय गायक रितेश पांडे पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। प्रशासन ने यह कार्रवाई उनके रोड शो के दौरान की गई कथित अनियमितताओं को लेकर की है। यह मामला चुनावी प्रक्रिया के दौरान नियमों की सख्त निगरानी और प्रशासनिक तत्परता को दर्शाता है।
रोड शो में उमड़ी भारी भीड़, प्रशासन हुआ सख्त
पूरे मामले की शुरुआत करगहर विधानसभा क्षेत्र के कोचस थाना क्षेत्र से हुई। यहां रितेश पांडे ने अपने चुनाव प्रचार के तहत रोड शो का आयोजन किया था। इस रोड शो में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिससे माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग गया। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई कलाकार जैसे डिंपल सिंह, आर्यन बाबू और अन्य जाने-माने चेहरे भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिससे भीड़ का स्तर और अधिक बढ़ गया। हालांकि इसी दौरान तैनात प्रशासनिक अधिकारियों ने देखा कि रोड शो में अनुमत संख्या से कहीं अधिक गाड़ियां शामिल थीं। यह चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन था। मजिस्ट्रेट ने इसकी सूचना तत्काल स्थानीय थाना को दी और रिपोर्ट दर्ज कराई।
प्रशासन ने दर्ज किया मामला
मिली जानकारी के अनुसार, रितेश पांडे ने अपने रोड शो के लिए एक निश्चित संख्या में वाहनों की अनुमति ली थी। लेकिन वास्तव में सड़क पर उससे कई गुना अधिक वाहन उतारे गए। इससे न केवल आचार संहिता का उल्लंघन हुआ, बल्कि कुछ देर के लिए इलाके में यातायात भी बाधित हो गया। कोचस थाने में मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर जन सुराज प्रत्याशी रितेश पांडे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रशासन ने कहा कि यह मामला आदर्श आचार संहिता के नियमों के उल्लंघन के अंतर्गत आता है। थाना प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रोड शो में शामिल वाहनों और आयोजकों की सूची की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्टार पावर बना चुनौती का कारण
रितेश पांडे भोजपुरी सिनेमा जगत में एक प्रसिद्ध नाम हैं। उनकी लोकप्रियता का असर उनके राजनीतिक प्रचार में भी साफ तौर पर दिखाई दिया। रोड शो के दौरान भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी, जिससे माहौल पूरी तरह उत्सव जैसा बन गया। हालांकि, यही भीड़ प्रशासन के लिए परेशानी का कारण बनी। सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण में अस्थायी रूप से समस्या उत्पन्न हो गई। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की स्थिति चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है, इसलिए ऐसे आयोजनों में अनुशासन और अनुमति का पालन अत्यंत आवश्यक है।
प्रशासन ने दिखाई सख्ती
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी उम्मीदवार को प्रचार रैली या रोड शो के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होता है। वाहनों की संख्या, मार्ग और समय का विवरण स्पष्ट रूप से प्रशासन को दिया जाना चाहिए। इन शर्तों का उल्लंघन होने पर मामला दर्ज किया जा सकता है। रोहतास जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के दौरान किसी भी व्यक्ति या पार्टी के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा। चाहे वह कोई आम प्रत्याशी हो या फिर किसी स्टार उम्मीदवार की पहचान रखता हो, नियम सबके लिए समान हैं। जिला अधिकारी ने कहा कि “चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई की गई है। कानून सबके लिए बराबर है, और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।”
चुनाव आयोग और पुलिस की निगरानी
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी भेज दी है। आयोग के निर्देशों के आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया तय की जाएगी। इस बीच पुलिस ने रोड शो में शामिल वाहनों और आयोजकों के वीडियो फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। साथ ही, आचार संहिता लागू होने के बाद जिले में सभी राजनीतिक गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जा रही है। फ्लाइंग स्क्वॉड टीम और निगरानी इकाइयों को सक्रिय रखा गया है ताकि भविष्य में किसी भी उम्मीदवार या दल द्वारा नियमों का उल्लंघन न किया जा सके।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने बताया कि रोड शो के दौरान हजारों की भीड़ जुट गई थी। कई जगह सड़कें पूरी तरह जाम हो गईं, जिससे लोगों को असुविधा हुई। वहीं कुछ लोग इसे एक “लोकप्रिय उम्मीदवार के प्रति जनता के समर्थन” के रूप में भी देख रहे हैं। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि लोकप्रियता या भीड़ जुटाना गलत नहीं है, लेकिन यह सब चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत होना चाहिए। “यदि किसी कार्यक्रम से सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा आती है, तो कार्रवाई आवश्यक हो जाती है,” अधिकारी ने कहा।
जन सुराज पार्टी ने दी सफाई
मामले पर जन सुराज पार्टी के स्थानीय नेताओं ने कहा कि रितेश पांडे ने सभी नियमों का पालन किया था। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि “प्रशासनिक रिपोर्ट एकतरफा है और वास्तविक स्थिति की सही जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।” पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि “रितेश पांडे बिहार की जनता में बेहद लोकप्रिय हैं। भीड़ खुद-ब-खुद उमड़ पड़ी, इसे किसी तरह का नियम उल्लंघन नहीं कहा जा सकता।”रोहतास में रितेश पांडे के खिलाफ दर्ज मामला चुनावी माहौल में प्रशासन की सख्ती का संकेत देता है। चुनाव आयोग ने बार-बार कहा है कि आचार संहिता के उल्लंघन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चाहे उम्मीदवार कोई भी हो, कानून की नज़र में सब बराबर हैं। यह मामला न केवल चुनावी अनुशासन की याद दिलाता है बल्कि जनता को यह संदेश भी देता है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मर्यादा बनाए रखना सभी के लिए अनिवार्य है। अब देखना यह होगा कि जांच पूरी होने के बाद जिला प्रशासन और चुनाव आयोग इस मामले पर क्या निर्णय लेते हैं — क्या यह सिर्फ चेतावनी तक सीमित रहेगा या आगे और कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, इस घटना ने चुनावी हलकों में एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है कि लोकप्रियता और प्रचार के बीच “नियमों का संतुलन” कितना जरूरी है।

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