पटना में प्रदर्शन करने वाले कन्हैया समेत 41 कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज, पटना पुलिस ने लिया एक्शन

पटना। हाल ही में पटना में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए एक बड़े प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई पूर्व जेएनयू छात्र नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कन्हैया कुमार ने की। ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ के नारे के साथ यह आंदोलन बिहार के युवाओं की बेरोजगारी और पलायन की समस्या को उजागर करने के उद्देश्य से किया गया था। कन्हैया कुमार ने अपनी 26 दिनों की पदयात्रा के बाद पटना में इसका समापन किया। इस मौके पर वे अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करना चाहते थे। लेकिन जैसे ही वे सीएम हाउस की ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें राजापुर पुल के पास रोक लिया, जो मुख्यमंत्री निवास से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसी स्थान पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प और नोकझोंक की स्थिति बन गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन (पानी की बौछार) का इस्तेमाल किया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इनमें कन्हैया कुमार और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भान भी शामिल थे। हालांकि, उन्हें लगभग एक घंटे बाद कोतवाली थाने से रिहा कर दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद श्रीकृष्णापुरी थाना में कन्हैया कुमार सहित कुल 41 नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शन के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जिससे यातायात बाधित हुआ और आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा पुलिस कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने के आरोप भी लगाए गए हैं। थानेदार प्रभात कुमार ने इस एफआईआर की पुष्टि की है। वहीं, सीडीपीओ साकेत कुमार ने बताया कि यह मामला मजिस्ट्रेट के आवेदन पर दर्ज किया गया है। सभी पर जमानती धाराएं लगाई गई हैं, जिसके तहत सभी को थाने से ही पीआर बांड भरवाकर रिहा कर दिया गया। यह घटनाक्रम केवल एक कानूनी मामला नहीं बल्कि बिहार की राजनीति में युवा नेतृत्व और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर उभरते असंतोष का प्रतीक है। यह भी स्पष्ट होता है कि कन्हैया कुमार जैसे युवा नेता जनभावनाओं को लेकर सक्रिय हो रहे हैं और सत्ता के खिलाफ जनता की आवाज बनना चाहते हैं।
