भीषण गर्मी में भी स्कूलों के टाइमिंग नहीं बदलने पर जदयू एमएलसी ने उठाए सवाल, पाठक को बताया तानाशाह

पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग को लेकर एक बार फिर शिक्षा विभाग और शिक्षक नेताओं के बीच टकराहट की नौबत आ गई है। गर्मी की छुट्टी शुरू होने के बाद भी स्कूलों को मॉर्निंग नहीं किया गया है। अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश पर गर्मी के दिनों में स्कूल 9:00 से संध्या 5:00 बजे तक चल रहे हैं। एमएलसी संजय कुमार सिंह ने इसे केके पाठक का तानाशाही रवैया करार देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को पत्र लिखा है उन्होंने कहा है कि ऐसा अफसर नहीं देखा जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात भी नहीं मानता। मौसम की तल्खी के साथ गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन, बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग नहीं बदली गई है। सामान्य दिनों की तरह अप्रैल में भी स्कूल सुबह 9:00 बजे से संध्या 5:00 बजे तक संचालित हो रहे हैं। जबकि परंपरा से अप्रैल की शुरुआत के साथ ही स्कूल मॉर्निंग हो जाया करते थे।  बिहार विधान परिषद के सदस्य संजय कुमार सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि केके पाठक की मनमानी पर रोक लगाई जाए। संजय सिंह ने कहा कि राज्य के सर्वे सर्वा मुख्यमंत्री होते हैं।  उन्होंने सदन में कई बार स्कूल की टाइमिंग 10:00 बजे से 4:00 बजे करने की घोषणा की।  लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मनमानी करते हुए 9:00 बजे से 5:00 तक स्कूल चलाने का अपना आदेश वापस नहीं लिया। उन्होंने सीएम का आदेश लागू नहीं किया और अभी तक अपनी मर्जी चला रहे हैं। संजय सिंह ने कहा है कि माननीय शिक्षा मंत्री से मिलकर केके पाठक के तानाशाही कार्यशौली पर रोक लगाने की मांग की है। मुख्यमंत्री की सदन में दो-दो बार घोषणा के बाद भी अपर मुख्य सचिव द्वारा स्कूल की टाइमिंग में बदलाव नहीं किया गया। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक अफसर इस तरह तानाशाह की तरह काम करें यह दुर्भाग्य है बिहार का।  केके पाठक को अपने हठ के आगे शिक्षक और छात्रों के भी चिंता नहीं है।  उन्होंने है कि काफी समय से परंपरा रही है कि गर्मी में स्कूल के क्लासेस मॉर्निंग हो जाते हैं। लेकिन इतनी प्रचंड गर्मी में समय नहीं बदल गया।  इतना ही नहीं गर्मी की छुट्टी में भी कटौती की गई है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए

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