November 24, 2025

नीतीश की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक कल, विधानसभा सत्र बुलाने पर लगेगी मुहर, कई प्रस्तावों पर होगी चर्चा

पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब प्रशासनिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिन्होंने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, अपनी नई पारी की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को करने जा रहे हैं। यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें सरकार की आगामी कार्ययोजना और नीतियों की दिशा तय की जाएगी।
नई सरकार ने संभाली कमान, मंत्रियों को मिले विभाग
बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कुल 26 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है और सभी मंत्री अपने-अपने विभागों का कार्यभार संभालने में जुट गए हैं। सबसे चर्चा गृह विभाग को लेकर हुई, जिसे लगभग 20 साल बाद सीएम नीतीश ने अपने सहयोगी और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंपा है। सम्राट चौधरी मंगलवार दोपहर अपना पदभार संभालने वाले हैं। माना जा रहा है कि नई सरकार के गठन के बाद गृह विभाग में कई महत्वपूर्ण बदलाव और निर्णय लिए जा सकते हैं।
मंगलवार को होगी पहली कैबिनेट बैठक
सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंगलवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आयोजित होगी। यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि नई सरकार को जनता ने बड़े विश्वास के साथ सत्ता में बैठाया है और अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार अपनी प्राथमिकताओं को किस तरह आगे बढ़ाती है।
विधानसभा सत्र बुलाने पर लगेगी मुहर
कैबिनेट बैठक में सबसे प्रमुख प्रस्ताव विधानसभा सत्र बुलाने से जुड़ा होने की संभावना है। सरकार विधानसभा में कई जरूरी विधायी कार्यों और नीतिगत निर्णयों को आगे बढ़ाना चाहती है। लिहाजा कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है। विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है ताकि नई सरकार अपना रोडमैप, बजट और नीतिगत फैसलों को समय पर लागू कर सके। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो यह सत्र नई सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है।
विकास और रोजगार पर होगा विस्तृत मंथन
माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक विकास और रोजगार के मुद्दे पर भी केंद्रित होगी। चुनाव अभियान के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया था कि अगले पांच वर्षों में राज्य के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस वादे को पूरा करने के लिए सरकार को समयबद्ध योजना और तेज कार्यप्रणाली की जरूरत होगी। बैठक में इस बात पर चर्चा हो सकती है कि रोजगार सृजन के किन-किन क्षेत्रों पर प्राथमिकता दी जाए, कौन-कौन से विभाग कितने नए अवसर पैदा कर सकते हैं, और युवाओं के लिए नई योजनाएं किस तरह लागू की जाएं।
सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर बढ़ी उत्सुकता
नई सरकार को जनता से स्पष्ट जनादेश मिला है, इसलिए शासन-प्रशासन में तेजी देखी जा रही है। मंत्रियों को अपने विभागों में सुधार, पारदर्शिता और कार्य गुणवत्ता बढ़ाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। अब पहली कैबिनेट बैठक से उम्मीद की जा रही है कि सरकार अपनी शुरुआती प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से जनता के सामने रखेगी। युवाओं को रोजगार देने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने, और किसानों के हित में कदम उठाने जैसे विषय कैबिनेट चर्चा में शामिल होने की पूरी संभावना है।
सियासी तौर पर भी महत्वपूर्ण बैठक
नई कैबिनेट बैठक राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है क्योंकि इससे यह संकेत मिलेगा कि मंत्री परिषद किस दिशा में काम करने वाली है। एनडीए गठबंधन को मिली जीत के बाद अब जनता इस बात का इंतजार कर रही है कि सरकार किस गति से फैसले लेती है और कितनी तेजी से उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करती है। नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक कई महत्वपूर्ण फैसलों की शुरुआत का आधार बनेगी। विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय हो, रोजगार पर नई योजना हो या विकास परियोजनाओं पर नई रणनीति—हर निर्णय राज्य के भविष्य को प्रभावित करने वाला होगा। बिहार के लोग नई सरकार से तेज, पारदर्शी और परिणाम आधारित शासन की उम्मीद कर रहे हैं, और मंगलवार की बैठक यह तय करेगी कि सरकार इन अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरने का प्रयास करती है।

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