मधुबनी से दिल्ली जा रही बस इटावा में हादसे का शिकार, दो की मौत, 30 घायल

पटना। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया है, जिसने दर्जनों परिवारों को झकझोर कर रख दिया। यह हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुआ, जब मधुबनी से दिल्ली जा रही एक डबल डेकर बस अनियंत्रित होकर सड़क से फिसल गई। इस दुर्घटना में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि कई यात्री घायल हो गए हैं। यह बस करीब 52 से 55 यात्रियों को लेकर जा रही थी।
सुबह-सुबह हुआ हादसा, अफरा-तफरी का माहौल
इटावा के जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह दुर्घटना सुबह के समय हुई, जब बस लखनऊ से आगरा की ओर जा रही थी। एक्सप्रेसवे पर पोल नंबर 104 के पास अचानक बस सड़क से फिसलकर पलट गई। इस हादसे में 2 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि लगभग 30 से 35 लोग घायल हो गए। इनमें से कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं जबकि दो की हालत गंभीर बनी हुई है।
घायलों को तत्काल पहुंचाया गया अस्पताल
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और एंबुलेंस सेवा तुरंत सक्रिय हुई। घायलों को इटावा के जिला अस्पताल और आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया। जिन लोगों की हालत गंभीर थी, उन्हें बेहतर इलाज के लिए उच्च स्तरीय अस्पताल में रेफर किया गया। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य में तत्परता दिखाई और जल्द से जल्द सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
प्रशासन की ओर से की गई मदद
इटावा प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए थे। मृतकों के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है और घायलों की पहचान कर उनके घरवालों को सूचित किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह लग रहा है कि बस अनियंत्रित होकर सड़क से फिसली, हालांकि हादसे के सटीक कारणों की जांच की जा रही है।
डबल डेकर बसों की सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर लंबी दूरी की यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाली डबल डेकर बसों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की भारी संख्या और बसों के संतुलन को लेकर पहले भी कई बार चिंता जताई जाती रही है। दुर्घटना के बाद यात्रियों के अनुभवों से यह पता चलता है कि बस की गति तेज थी और संभवतः चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
यात्रियों का भयावह अनुभव
हादसे के समय बस में सवार कुछ यात्रियों ने बताया कि जब बस फिसल रही थी, तो सभी लोग चिल्लाने लगे। कुछ लोग सीट से गिर पड़े, तो कुछ एक-दूसरे के ऊपर आ गिरे। हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। कुछ यात्रियों ने खुद खिड़कियों से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई, जबकि कई घायल अवस्था में मदद की प्रतीक्षा करते रहे।
जरूरत है सतर्कता और निगरानी की
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया है कि यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी कितनी भारी पड़ सकती है। सरकार और परिवहन विभाग को चाहिए कि वह यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और ऐसे वाहनों की नियमित जांच करे जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। इसके साथ ही ड्राइवरों को उचित प्रशिक्षण और पर्याप्त आराम देने की व्यवस्था भी सुनिश्चित होनी चाहिए। यह हादसा न केवल एक प्रशासनिक चेतावनी है, बल्कि यात्रियों और परिवहन सेवा प्रदाताओं दोनों के लिए एक सबक भी है। जीवन की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही कई जिंदगियों को तबाह कर सकती है।
