सीवान : तेज रफ्तार बस ने बाइक सवार जेई व उसके दोस्त को कुचला, चेचिस में फंसी बाइक

सीवान । बिहार के सीवान जिले के छपरा-सीवान मुख्य मार्ग पर जसौली गांव स्थित टाटा मोटर्स सर्विस सेंटर के समीप एक तेज रफ्तार बस चालक ने बाइक से ड्यूटी जा रहे एक जेई व उसके साथी को कुचला डाला। इस दुर्घटना में बाइक पर सवार दोनों की मौत हो गई। घटना मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे की है। मृतकों में हुसैनगंज थाना के बिन्दवल गांव के सह जेई बबलू कुमार व उसका साथी गुड्डू कुमार थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह बबलू अपने साथी के साथ सीवान से पचरूखी की तरफ बाइक से अपनी ड्यूटी पर रहा था। इसी बीच जसौली गांव स्थित टाटा मोटर्स सर्विस सेंटर के समीप सामने से आ रही एक अनियंत्रित बस ने बाइक सवारों को सामने से कुचल दिया। इस दुर्घटना में बाइक बस के चेचिस में फंस गई। बावजूद इसके बस ड्राइवर गाड़ी लेकर भागने का प्रयास किया। लेकिन, वह ज्यादा दूर तक नहीं भाग सका।
अपने आप को लोगों से घिरने का भय देख सहायक सराय थाना के चांप स्थित कारगिल पेट्रोल पम्प के समीप अपनी गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। वहीं दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने दोनों युवकों को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया। लेकिन, डॉक्टरों ने स्थिति की नजाकत को भांपते हुए दोनों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने दोनों युवकों को मृत घोषित कर दिया। घटना कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने दुर्घटना में शामिल बस व बाइक को जप्त कर ली है। दुर्घटना को अंजाम देने वाले बस चालक को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।
बस की चपेट में आने से दो युवकों के मौत की सूचना मिलते ही दोनों के परिवार में कोहराम मच गया। जबकि पूरे गांव में पूरी तरह मातमी सन्नाटा पसर गया। वहीं मृतकों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बतादें कि मृतकों में बबलू दो भाइयों में बड़ा था। पिछले साल ही जेई में उसका चयन हुआ था। जो फिलहाल पचरूखी प्रखंड में कार्यरत था। जबकि छोटा भाई मंजीत अभी पढ़ाई करता है।
पड़ोसियों के मुताबिक बबलू शुरू से ही होनहार था और पढ़-लिखकर परिवार की जिम्मेदारियों को अपने कंधे लेना चाहता था। यही कारण है कि अभीतक उसने शादी नहीं की थी। हालांकि नौकरी लगने के बाद परिवार के दबाव में उसने शादी के लिए हामी भर दिया था। फलस्वरूप परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी थी। लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए शादी के समय को आगे टाल दिया गया था। वहीं उसका साथी गुड्डू दो भाइयों में छोटा था। उसका बड़ा भाई मंतोष विदेश में मजदूरी का कार्य करता हैं। फलस्वरूप गुड्डू भी अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता था। इसी कारण कुछ सीखने की ललक से अक्सर अपने साथी जेई के साथ ही रहता था। लेकिन, कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।