करंट लगने से बस खलासी की मौत, बस कंपनी की मालकिन पूर्व मंत्री वीणा शाही ने इलाज कराने से किया इनकार

मृतक के परिजन को 4 लाख रुपया मुआवजा दे सरकार: आप

पटना। 31 जुलाई 2017 के सुबह 10:30 को मीठापुर बस स्टैंड पर बिजली के हाई बोल्ट के तार के संपर्क में आने से शाही तिरुपति की बस के खलासी मनोज तिवारी पूरी तरह झुलस गए थे। घटना के 5 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक के भतीजा मधुकर त्रिवेदी ने बताया कि शाही तिरुपति कंपनी के मालकिन वीणा शाही ने इलाज के नाम पर मात्र 5 हजार रुपए अपने मैनेजर सुमन के हाथों भेजवाया। कंपनी के मैनेजर ने उपहास उड़ाते हुए कहा कि मनोज तिवारी अगर मर जाता है तो हमारे लिए टेंशन है, हमारा एक कर्मचारी कम गया। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री वीणा शाही की संवेदना मर चुकी है। उनसे ऐसी उम्मीद नही थी। हमलोगों ने चंदा करके चाचा जी का इलाज कराया लेकिन उनको नही बचा सके। आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलू कुमार प्रकाश ने मृतक के परिजनों के बीच संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शाही तिरुपति कंपनी की बस इंसोर्ड होगी। ड्राइवर, खलासी का भी बीमा होता है। मृतक के परिजन को अबिलम्ब मुआवजा दे। विधुत विभाग की लापरवाही साफ दिखती है। बिहार सरकार के प्रावधान के अनुसार मृतक मनोज तिवारी के परिजन को 4 लाख की मुआवजा राशि दें। मीठापुर बस स्टैंड के अंदर हाई वोल्टेज नंगा तार दौड़ रही है। स्टैंड के अंदर पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। विद्युत विभाग चिर निंद्रा से जागे लटके हुए मौत की तारो को अबिलम्ब ठीक कराये।

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