सीएम नीतीश के गुर्गों की तरफ से भेजा गया बंगला खाली करने का नोटिस : संजय जायसवाल

  • बिहार सरकार बीजेपी के साथ भेदभाव कर रही : संजय जायसवाल
  • बिहार में पूर्व उपमुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस पर सियासत तेज, आरोप-प्रत्यारोण का दौर जारी

पटना। बिहार में अब सरकारी बंगलों को लेकर सियासत तेज हो गई है। नीतीश सरकार ने बीजेपी के दोनों पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी सहित नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा को आवास खाली करने का नोटिस दिया और अब उन पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। जिसके बाद से बीजेपी ने सख्त तेवर अपना लिए हैं। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार बीजेपी के साथ भेदभाव कर रही है। विजय सिन्‍हा सहित दोनों मुख्‍यमंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया है। उन्‍होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के गुर्गों की तरफ से बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया है। नेता प्रतिपक्ष को भी बंगला खाली करने के लिए बोला जा रहा हैं। अगर वो बंगला खाली नहीं करते तो उनसे जुर्माना वसूला जा रहा है। जबकि मुकेश सहनी लगातार 6 महीने से मंत्री नहीं हैं। उन्हें खाली करने के लिए नहीं बोला जा रहा हैं। नीतीश के गुर्गों से बंगला खाली नहीं कराया जा रहा है, चाहे वो विधायक-मंत्री रहे या ना रहे। उनको बंगला इसीलिए दिया गया है कि वो नीतीश कुमार की नौकरी बजाएं और उनके काम करें। वही पद से हटने के बाद आवास खाली नहीं करने को लेकर बिहार की पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी को आवास खाली करने के साथ 2 लाख 36 हजार रुपये के जुर्माने का नोटिस दिया गया है. भवन निर्माण विभाग से मिले नोटिस में तय समय तक बंगला खाली नहीं करने के बाद 30 गुना ज्यादा जुर्माने की राशि लगाई गई है। रेणु देवी ने इस मसले पर कहा कि जो आवास मुझे दिया गया है वो अब तक रहने लायक नहीं है, फिर उसमें कैसे रहा जा सकता है. 2 लाख 36 हजार रु का जुर्माना आखिर क्यों भरें जब आवास रहने लायक दिया ही नहीं गया।

वही बंगले को लेकर बीजेपी द्वारा सरकार पर लगाये गए आरोप पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बीजेपी झूठा प्रचार कर रही है। जब पद पर नहीं हैं तो आवास खाली ही करना पड़ेगा, यह नियम बनाया गया था कि समय पर बंगला खाली नहीं करने पर 30 गुना जुर्माना लगाया जाएगा। जब यह  नियम बनाया गया था उस समय कैबिनेट में बीजेपी भी शामिल थी। चौधरी ने कहा कि महागठबंधन से हटकर जब हम लोग बीजेपी के साथ आये तो राजद के नेताओं ने भी बंगले खाली किये थे। जो सरकारी बंगलों को खाली नहीं करेगा वहां मजिस्ट्रेट भेजकर उसे खाली कराया जाएगा। बिहार में एक बार फिर बंगला पॉलिटिक्स शुरु हो गई है, नीतीश सरकार जहां नियम-कानून का हवाला दे रही है तो वहीं बीजेपी इसे भेदभाव की राजनीति करार दे रही है।

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