गांधीनगर में गरबा में पथराव करने वाले उपद्रवियों के घरों पर चला बुलडोजर, अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन ने की कार्रवाई
गांधीनगर। गुजरात की राजधानी गांधीनगर के बहियाल गांव में नवरात्रि के अवसर पर गरबा के दौरान गंभीर हिंसा की घटना सामने आई। स्थानीय युवाओं के बीच विवाद के कारण पथराव, पुलिस पर हमला और दुकानों में आगजनी जैसी घटनाएँ हुईं। इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने कानून के सख्त पालन के लिए सक्रिय कदम उठाए। इस हिंसा ने इलाके में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया और प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया।
अवैध अतिक्रमण और बुलडोजर कार्रवाई
हिंसा के बाद प्रशासन ने बहियाल गांव में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू की। गुरुवार सुबह से गांव के मुख्य मार्ग और अन्य क्षेत्रों में अवैध तटबंधों और निर्माणों को तोड़ने का अभियान चलाया गया। प्रशासन ने पहले ही लगभग 190 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए थे और उन्हें दो दिनों के भीतर निर्माण संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख दी गई थी। इस समय सीमा में कोई भी अतिक्रमणकारियों ने वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए, जिससे प्रशासन ने बुलडोजर के माध्यम से अवैध निर्माण हटाने का काम शुरू किया। गांधीनगर के एसपी रवि तेजा वासमशेट्टी ने बताया कि कुल 186 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसडीएम, पंचायत अधिकारी और 300 पुलिसकर्मी मौजूद हैं। प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों की व्यावसायिक संपत्तियों की पहचान कर ली थी और अब उन पर कार्रवाई की जा रही है। रायपुर घामिज करोली रोड पर कुल 190 अतिक्रमणकारियों में से 135 को और बहियाल रोड पर 51 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया।
पथराव और आगजनी की पृष्ठभूमि
बहियाल गांव में हिंसा की शुरुआत सोशल मीडिया और स्थानीय विवाद से हुई। उत्तर प्रदेश के कानपुर में ‘आई लव मुहम्मद’ लिखे बैनर लगाए गए थे, और इस तरह के बैनर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किए गए। गांधीनगर के पास बहियाल गांव के एक हिंदू युवक ने इस पोस्ट पर टिप्पणी की, जिससे कुछ मुस्लिम युवाओं में आक्रोश फैल गया। इसके बाद बहियाल के मुस्लिम युवकों ने विवादित युवक की दुकान और आसपास की दुकानों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। हिंसक युवाओं ने इसके बाद उस मंडप में प्रवेश किया, जहां नवरात्रि के दौरान गरबा चल रहा था, और वहां भी पथराव किया। इस घटना के कारण पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हिंसा की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई और बुलडोजर के माध्यम से अवैध निर्माण हटाने का अभियान शुरू किया। पुलिस ने हिंसा में शामिल 83 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया, जबकि 200 अन्य लोगों के खिलाफ भीड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब तक 66 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि अवैध कब्जेदारों और हिंसक लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते समय कानून-व्यवस्था बनी रहे। अधिकारियों ने बताया कि बुलडोजर अभियान में सख्ती के साथ-साथ सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, ताकि कोई और हिंसक घटना न घटे।
समाज और प्रशासन के लिए संदेश
गांधीनगर की यह घटना समाज में धार्मिक और सामुदायिक तनाव को बढ़ा सकती है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह का अवैध अतिक्रमण या हिंसक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम कानून का सख्ती से पालन करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस अभियान के माध्यम से प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि अवैध अतिक्रमण, हिंसा और पथराव जैसी घटनाओं पर कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। पुलिस और प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी रखी और स्थिति नियंत्रित करने के प्रयास किए। गांधीनगर के बहियाल गांव में गरबा के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद की कार्रवाई यह दर्शाती है कि अवैध अतिक्रमण और सामाजिक तनाव पर प्रशासन सख्ती से नियंत्रण रख रहा है। बुलडोजर अभियान और पुलिस कार्रवाई से यह साफ संदेश गया है कि कानून और सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देना महंगा पड़ेगा। इस घटना से स्थानीय समुदाय और प्रशासन दोनों के लिए यह सबक है कि विवाद और हिंसा के बजाय संवाद और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है। इस प्रकार, गांधीनगर प्रशासन ने कानून का पालन, अवैध अतिक्रमण हटाने और सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।


