नालंदा में अज्ञात अपराधियों ने पति-पत्नी को बेरहमी से पीटा, चार लाख नगद और जेवर लूटकर हुए फरार
नालंदा। दीपावली का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, लेकिन नालंदा जिले में इस बार यह रात भय और हिंसा की खबर लेकर आई। जहां लोग दीये जलाकर उत्सव मना रहे थे, वहीं कुछ असामाजिक तत्वों ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। नालंदा के वेना थाना क्षेत्र के कोरनावा गांव में सोमवार की देर रात नकाबपोश बदमाशों ने घर में घुसकर एक दंपति पर जानलेवा हमला किया और लाखों रुपये के गहने और नकदी लूटकर फरार हो गए। इस वारदात ने न केवल इलाके में दहशत फैला दी, बल्कि पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आधी रात में घर में घुसे बदमाश
घटना सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे की बताई जा रही है। पीड़ित सुरेंद्र प्रसाद और उनकी पत्नी श्यामपरी देवी उस समय घर में सो रहे थे। तभी छत के रास्ते दो नकाबपोश बदमाश घर में दाखिल हुए। उनके हाथों में हथियार थे और चेहरों पर कपड़ा बंधा हुआ था। घर में घुसते ही उन्होंने दंपति को धमकाया और नकदी व गहनों की मांग की। जब सुरेंद्र प्रसाद ने विरोध किया तो अपराधियों ने उन पर ईंट और लाठी-डंडे से हमला कर दिया। सुरेंद्र प्रसाद के सिर पर गंभीर चोट आई, जबकि उनकी पत्नी श्यामपरी देवी को भी बुरी तरह पीटा गया। दोनों लहूलुहान हालत में गिर पड़े। इसके बाद बदमाशों ने घर में रखे लगभग चार लाख रुपये की नकदी और बहू के जेवरात लूट लिए और मौके से फरार हो गए।
शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीण
हमले के बाद जब श्यामपरी देवी ने शोर मचाया तो आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने तुरंत दोनों घायलों को नालंदा सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। सुरेंद्र प्रसाद ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि डेढ़ साल पहले उनके छोटे बेटे की शादी हुई थी और बहू के सारे जेवर घर में रखे हुए थे, जिन्हें अपराधी उठा ले गए।
पुलिस की तत्परता और जांच
घटना की सूचना मिलते ही नालंदा सदर डीएसपी संजय कुमार जायसवाल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पूरे मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने इस संबंध में एक नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के लिए डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने घर में दाखिल होने के लिए छत का रास्ता इस्तेमाल किया था और वारदात को अंजाम देने के बाद पीछे के रास्ते से भाग निकले। जांच अधिकारी ने कहा कि जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गांव में बढ़ी दहशत और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
दीपावली की रात हुई इस लूटकांड ने गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है कि त्योहार के दिन भी अपराधी इतने निडर कैसे हो सकते हैं। लोगों ने प्रशासन से रात के समय गश्त बढ़ाने और अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि हाल के दिनों में क्षेत्र में चोरी और लूटपाट की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन पुलिस की गश्ती व्यवस्था कमजोर हो गई है।
पुलिस का दावा, जल्द होगी गिरफ्तारी
डीएसपी संजय कुमार जायसवाल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। संदिग्धों से पूछताछ जारी है और तकनीकी जांच के माध्यम से अपराधियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।
दीपावली की खुशियां बनी मातम
इस घटना ने दीपावली जैसी खुशी भरी रात को एक परिवार के लिए दर्दनाक याद बना दिया। जिस समय आसपास के लोग दीप जलाकर उत्सव मना रहे थे, उसी समय सुरेंद्र प्रसाद और उनका परिवार लहूलुहान हालत में अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। यह वारदात समाज और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है कि अपराधी अब किसी भी समय और स्थान पर हमला करने से नहीं डरते। नालंदा में हुई यह घटना न केवल एक आपराधिक वारदात है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को भी उजागर करती है। त्योहारों के मौके पर जब लोग निश्चिंत होकर उत्सव मनाना चाहते हैं, तब इस तरह की घटनाएं पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती हैं। आवश्यक है कि पुलिस न केवल अपराधियों को जल्द पकड़े, बल्कि क्षेत्र में रात्रि गश्ती और निगरानी भी बढ़ाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। ग्रामीणों की सुरक्षा और विश्वास बहाल करना अब प्रशासन के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन गई है। दीपावली की इस भयावह रात ने यह याद दिला दिया कि जब तक अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आम आदमी चैन की नींद नहीं सो पाएगा।


