पटना में 18 वर्षीय युवती से हैवानियत, युवक ने जबरन कमरे में बंद कर किया रेप, आरोपी गिरफ्तार
पटना। बिहार की राजधानी पटना से एक हृदयविदारक और घिनौनी घटना सामने आई है, जिसने सामाजिक व्यवस्था और महिला सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला पटना के परसा बाजार थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां 18 साल की एक युवती के साथ बलात्कार जैसी भयावह घटना को अंजाम दिया गया। बताया जाता है कि आरोपित युवक, जिसका नाम राजू बताया गया है, पीड़िता की जान-पहचान का ही था। वह उसी गांव का निवासी है और पीड़िता से पहले भी मिलना-जुलना रहता था। घटना के दिन जब पीड़िता घर के पास अकेली थी, तब आरोपी ने उसे किसी बहाने से अपने घर बुलाया। काम की बात कहकर वह युवती को अपने घर ले गया और वहां एक कमरे में बंद कर, जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के परिजनों को जब काफी समय तक युवती नहीं दिखी और वह वापस घर नहीं लौटी, तो उनके मन में चिंता उत्पन्न हुई। खोजबीन करते हुए जब परिजनों को शक हुआ कि उसका कहीं और अपहरण न हो गया हो, तो उन्होंने पड़ताल शुरू की। संदेह के आधार पर जब राजू के घर का दरवाजा खुलवाया गया, तो लड़की वहां कमरे में बंद मिली, जिससे पूरे परिवार और गांव में हड़कंप मच गया।घटना की जानकारी मिलते ही पीड़िता के परिजनों ने फौरन पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर परसा बाजार थाने की थानाध्यक्ष, मेनिका रानी, अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और आरोपी युवक राजू को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की तथा उसे मेडिकल जांच के लिए भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता दिखाई और आरोपी को पकड़कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। थानाध्यक्ष मेनिका रानी ने बताया कि आरोपी युवक पीड़िता का पड़ोसी ही है, और फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं लड़की का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर आरोपी को बचने नहीं दिया जाएगा और सख्त से सख्त सजा दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इस घटना के बाद पीड़िता और उसके परिवार की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। परिजनों का कहना है कि वे आरोपी युवक से अवगत थे, लेकिन कभी भी ऐसी घिनौनी हरकत की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने पुलिस से उचित और कठोर कार्रवाई की मांग की है, जिससे समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह घटना न केवल पीड़िता और उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। यह सवाल उठाती है कि आज के दौर में बेटियों की सुरक्षा आखिर कब सुनिश्चित होगी? अपने घर, गली या गांव में भी बेटियां कितनी सुरक्षित हैं, ये एक बड़ा प्रश्न है। इस वारदात ने समाज की उस सोच को झकझोर दिया है, जिसमें अक्सर पड़ोसियों या जान-पहचान वालों पर आंख मूंदकर भरोसा कर लिया जाता है। इस घटना से यह सीख मिलती है कि सतर्कता और सजगता हर कदम पर जरूरी है, खासतौर पर लड़कियों की सुरक्षा के मामले में।पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत बलात्कार और बंधक बनाने जैसी संगीन धाराओं में केस दर्ज किया है। आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आगे की कार्रवाई और कोर्ट से सजा दिलाने के लिए पुलिस जरूरी दस्तावेज, पीड़िता का बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य एकत्र कर रही है। ऐसे मामलों में कानून सख्त है लेकिन समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चत करना जरूरी है कि पीड़ित को न्याय मिल सके और आरोपी को कड़ी सजा मिले। इस घटना पर आम लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाई जा रही है। साथ ही समाज में महिलाएं और लड़कियां ज्यादा से ज्यादा जागरूक रहें, ऐसी अपील भी की जा रही है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन जाती है कि ऐसे कठिन समय में पीड़िता का साथ दें और महिला सुरक्षा के लिए एकजुट हों। पटना की ये दुःखद घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बेटियों के प्रति लापरवाही और अंधविश्वास को त्यागना होगा। परिजनों, समाज और प्रशासन, सभी को मिलकर ऐसे मामलों में तुरंत, कठोर और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए। महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन या पुलिस की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कानून के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी और जागरूकता बेहद जरूरी है। इसी से ऐसे दर्दनाक अपराधों की पुनरावृत्ति पर लगाम लगेगी और महिलाओं के लिए समाज सुरक्षित बन सकेगा।


