नवादा में नाबालिग की निर्मम हत्या, गला रेतकर मार डाला, वारदात के बाद आरोपी फरार

नवादा। बिहार के नवादा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। नारदीगंज प्रखंड अंतर्गत जोराबर बीघा गांव में एक 17 वर्षीय नाबालिग की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान गांव निवासी सुरेंद्र चौहान के पुत्र सोनू कुमार के रूप में हुई है। यह घटना न केवल एक युवक की असमय मृत्यु का मामला है, बल्कि समाज में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्तियों और युवाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता भी उत्पन्न करती है।
रात में निकला और फिर नहीं लौटा
रविवार की रात करीब 8:30 बजे सोनू कुमार अपने एक मित्र के साथ घर से निकला था। परिवार वालों को कोई आशंका नहीं थी कि उनका बेटा अब कभी लौटकर नहीं आएगा। लेकिन अगले ही दिन सुबह गांव के बधार (खेतों के पास) में उसका शव मिलने की खबर पूरे गांव में सनसनी फैला दी। शव की स्थिति से साफ जाहिर था कि उसकी गला रेतकर हत्या की गई है।
ग्रामीणों का गुस्सा, आरोपी फरार
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे। शव को देखने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों और मृतक के परिवार ने गांव के ही एक युवक पर हत्या का आरोप लगाया है, जो घटना के बाद से फरार है। नामजद आरोपी की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन परिवार का दावा है कि आरोपी और मृतक के बीच पहले से किसी बात को लेकर मनमुटाव था।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नारदीगंज थाने की पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और गांव में सघन पूछताछ की। पुलिस अधीक्षक ने खुद घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे जो भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है और जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।
परिजनों में शोक, गांव में भय का माहौल
सोनू की असामयिक और निर्मम हत्या से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां-बाप बदहवास हैं और गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार, सोनू पढ़ाई में अच्छा था और किसी से कोई दुश्मनी नहीं रखता था। उसकी हत्या से गांव में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। लोगों की मांग है कि अपराधियों को जल्द सजा मिले ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
न्याय की प्रतीक्षा में परिवार
घटना के बाद से पीड़ित परिवार न्याय की आस में बैठा है। वे चाहते हैं कि पुलिस निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करे और आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलवाए। इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज के समाज में बच्चों और किशोरों की जान सुरक्षित है? नवादा की यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता और बढ़ते अपराधों का प्रतीक है। यह आवश्यक हो गया है कि ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए ताकि पीड़ितों को राहत मिले और अपराधियों को कानून का भय बना रहे। साथ ही, समाज को भी जागरूक होकर अपराध के विरुद्ध एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
