खगड़िया में किसान की निर्मम हत्या, खलिहान में सोते समय अपराधियों ने मारी गोली, इलाके में सनसनी

खगड़िया। बिहार के खगड़िया जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसमें एक किसान की खलिहान में सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना जिले के मानसी थाना क्षेत्र अंतर्गत पूर्वी ठाठा गांव की है, जहां शनिवार की सुबह-सुबह चार हथियारबंद अपराधियों ने किसान अनिल यादव को निशाना बनाकर मौत के घाट उतार दिया। इस निर्मम हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
खलिहान में रखवाली करते समय हुआ हमला
मृतक किसान की पहचान स्वर्गीय नंदन यादव के 46 वर्षीय पुत्र अनिल यादव के रूप में हुई है। वह अपने घर के पास खलिहान में मक्के की तैयार फसल की रखवाली के लिए सोया हुआ था। इसी दौरान तड़के लगभग चार बजे के आसपास बदमाशों ने सोते हुए अनिल यादव के सिर और चेहरे पर चार गोलियां मार दीं। इस वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए।
भाई ने बताई वारदात की पूरी घटना
मृतक के भाई किनो यादव ने घटना की विस्तृत जानकारी दी। उनके अनुसार वे भी खलिहान में थोड़ी दूरी पर सो रहे थे। गोली की आवाज सुनकर वे जागे और अंधेरे में दक्षिण दिशा की ओर भागने लगे, लेकिन घबराहट और अंधेरे के कारण गिर पड़े। किसी तरह वे घर पहुंचे और परिजनों को घटना की जानकारी दी। जब परिजन खलिहान पहुंचे तो देखा कि अनिल यादव की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। अपराधी भाग चुके थे।
पुराने विवाद को बताया जा रहा वजह
परिजनों का आरोप है कि इस हत्या के पीछे पारिवारिक विवाद की भूमिका है। मृतक के भाई ने बताया कि अनिल यादव का शोभित यादव नामक व्यक्ति से पिछले दो साल से घरेलू विवाद का मामला चल रहा है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि दो दिन पहले ही शोभित की पत्नी ने अनिल को जान से मारने की धमकी दी थी। परिजन इस घटना को उसी विवाद से जोड़कर देख रहे हैं और इसे सुनियोजित साजिश बता रहे हैं।
पुलिस और प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही खगड़िया पुलिस हरकत में आ गई। सदर एसडीपीओ मुकुल कुमार रंजन, इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, मानसी थानाध्यक्ष परेन्द्र कुमार और मुफस्सिल थानाध्यक्ष राजीव रंजन कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूरी जानकारी ली और घटनास्थल का मुआयना किया। एसडीपीओ ने बताया कि इस गंभीर मामले की जांच फॉरेंसिक साइंस लैब (एसएफएल) की टीम से कराई जाएगी ताकि अपराधियों के खिलाफ ठोस सबूत इकट्ठा किए जा सकें। पुलिस ने आसपास के इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और अपराधियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी गई है।
इलाके में दहशत का माहौल
किसान की इस प्रकार की नृशंस हत्या से गांव और आसपास के क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। ग्रामीणों में नाराजगी और आक्रोश है कि जब किसान अपने खेत और खलिहान में सुरक्षित नहीं हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। पुलिस की सक्रियता के बावजूद इस तरह की वारदातें ग्रामीणों में भय फैलाने का काम कर रही हैं।
अपराध पर रोक लगाने की चुनौती
यह घटना एक बार फिर से बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर रही है। पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि वह अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी कर न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए, बल्कि इलाके में फैले भय को भी समाप्त करे।
जांच से जुड़े पहलुओं पर फोकस
फिलहाल पुलिस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। मृतक के परिजनों के आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस विभिन्न कोणों से जांच कर रही है। साथ ही फॉरेंसिक टीम से साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि दोषियों को कानून के कटघरे तक लाया जा सके। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों में भी अपराधी बेखौफ होते जा रहे हैं, और प्रशासन को अब पहले से ज्यादा सजग और कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
