प्रदेश में गर्मी ने तोड़ा 13 सालों का रिकॉर्ड; पटना में लू को लेकर अलर्ट जारी, मौसम विभाग ने किया सावधान
पटना। बिहार के कई जिले भीषण गर्मी की चपेट में है। राजधानी पटना समेत प्रदेश में 30 जिलों के अधिकतम तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इस पूरे हफ्ते लू की स्थिति बने रहने का पूर्वानुमान है। बुधवार को प्रदेश के भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, सुपौल जिले के कुछ स्थानों पर हीट वेव की स्थिति बने रहने की संभावना है। प्रदेश के दक्षिणी मध्य और दक्षिण पूर्व भागों में भी लू का प्रभाव जारी रह सकता है। अगले तीन से चार दिनों के दौरान सतही हवा का प्रवाह 10-20 किमी प्रतिघंटा व झोंके के साथ 30 किमी प्रतिघंटा रहने की संभावना है। उत्तर बिहार में धूप दहका रही है, धरती अंगार की तरह तप रही है। 2022 में इस तिथि को अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि इस वर्ष यह 40.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक तापमान में वृद्धि होने का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री ज्यादा रहा। न्यूनतम तापमान 19.8 डिग्री रहा। यह सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा। पछिया हवा 7.4 किलोमीटर की गति से चली। अगले तीन दिनों तक शुष्क हवा के कारण लू चलेगी।
खूब पानी व तरल पदार्थ का सेवन करें, धूप में निकलने से बचे
वही पूर्वानुमान की अवधि में आसमान में हल्के बादल आ सकते है। औसतन 10 से 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी। लू से बचाव के लिए सीधे सूर्य के संपर्क में आने और लंबे समय तक गर्म व नम वातावरण में रहने से बचें। सिर और चेहरे को ढकें। ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें। खूब पानी व तरल पदार्थ का सेवन करें। सुबह 11 बजे से शाम चार बजे के बीच घर के अंदर रहने की कोशिश करें। लू के लक्षण होने पर सीधे विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। अपनी मर्जी से किसी तरह की दवा का सेवन नहीं करें।
राज्य मुख्यालय ने जारी की एडवाइजरी
एकीकृत रोग निगरानी परियोजना के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डा. रणजीत कुमार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। कहा गया है कि जिला अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एपीडेमिक रिस्पांस कमेटी को सक्रिय किया जाए। इसके साथ गर्मी की लहर से बचाने के लिए बरती जानेवाली सावधानियों के बारे में आम लोगों को जागरूक किया जाए। अस्पतालों में ओआरएस, आवश्यक दवा, आइवी तरल पदार्थ, आइस पैक और उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।