पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय का किया घेराव, रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर किया हंगामा

पटना। बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार इसे अपनी बड़ी उलपब्धि बता रही है तो दूसरी तरफ शिक्षक बहाली के लिए ली गई परीक्षा में फर्जीवाड़े का आरोप लगने लगा है। शिक्षक भर्ती रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय को घेर लिया है और जमकर हंगामा कर रहे हैं। दरअसल, बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए करीब 1.70 लाख से अधिक बहाली निकाली गई। पिछले दिनों शिक्षक बहाली के लिए परीक्षा ली गई और उसका रिजल्ट भी जारी कर दिया गया। अब नवनियुक्त शिक्षकों की काफंसिलिंग का काम चल रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी दो नवंबर को नवनियुक्त शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण करेंगे लेकिन इससे पहले शिक्षक बहाली में भारी गड़बड़ी के आरोप लगने लगे हैं। रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थी पटना में बीपीएससी कार्यालय को घेर लिया है और शिक्षकों की बहाली में हुए फर्जीवाड़े की जांच की मांग कर रहे हैं। बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे हैं और बीपीएससी दफ्तर के बाहर हंगामा कर रहे हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि रिजल्ट में हुई गड़बड़ी की जांच करने के बाद फिर से रिजल्ट जारी किया जाए। अभ्यर्थियों के हंगामे को लेकर बीपीएससी के बाहर अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रदर्शन कर रहे हैं अभ्यर्थी अतुल कुमार ने कहा कि जब विज्ञापन जारी किया गया था, उसमें लिखा हुआ है कि किसी एक पद के लिए एक अभ्यर्थी का ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। ऐसे हजारों की संख्या में अभ्यर्थी हैं, जिनका रिजल्ट माध्यमिक 9 से 10 और उच्च माध्यमिक (11-12) में दोनों में जारी कर दिया गया है। हम लोगों की मूल रूप से एक ही मांग है कि विज्ञापन में जो भी बातें लिखी गई हैं। उसका पालन किया जाए और एक कैंडिडेट के लिए एक ही रिजल्ट जारी किया जाए। रोहित कुमार ने बताया कि मैं कंप्यूटर साइंस का विद्यार्थी हूं। कंप्यूटर साइंस के रिजल्ट में बहुत फर्जीवाड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा था कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान अगर किसी ने गलत डॉक्यूमेंट दिया तो उन्हें कड़े परिणाम भुगतने होंगे। लेकिन अब जब गलत रिजल्ट जारी किया गया है, तब वो वो चुप हैं। सरकार अब 2 नवंबर को नियुक्ति पत्र बांटने जा रही इसको लेकर छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार को जो अपना काम है करें। लेकिन बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करें। उन्होंने यह सवाल उठाया है कि जो अभ्यर्थी एसटीईटी पास ही नहीं था। उसने फॉर्म कैसे भरा। फॉर्म अगर भर भी दिया तो परीक्षा में पास कैसे हो गया। जितनी भी सीट अंतिम में खाली रह जाती हैं। उसके लिए एक मेरिट लिस्ट जारी की जाए।

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