बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र का निधन, 89 वर्ष की आयु मिली अंतिम सांस, शमशान घाट में कई दिग्गज मौजूद
मुंबई। भारतीय फिल्म उद्योग से एक दुखद समाचार सामने आया है। हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता और दर्शकों के दिलों पर दशकों तक राज करने वाले धर्मेंद्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार दोपहर करीब 1 बजे उन्होंने अपने निवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि समाचार एजेंसियों और उनके करीबी लोगों ने की है। धर्मेंद्र के जाने से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
फिल्मी जगत में शोक की लहर, दिग्गज सितारों का जुटना
धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के लिए विले पार्ले श्मशान भूमि में सुबह से ही बॉलीवुड के नामी सितारों का आना शुरू हो गया। अमिताभ बच्चन, आमिर खान, संजय दत्त और फिल्म जगत की कई बड़ी हस्तियां अंतिम दर्शन के लिए पहुंचीं। इसके अलावा मशहूर डायलॉग राइटर और सलमान खान के पिता सलीम खान भी अंतिम विदाई देने पहुंचे। श्मशान घाट के बाहर भारी भीड़ जुटी रही और सभी की आंखों में भावुकता साफ झलक रही थी।
करण जौहर ने भावुक संदेश में दी श्रद्धांजलि
फिल्म निर्माता करण जौहर ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से धर्मेंद्र के निधन की पुष्टि की और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि भारतीय सिनेमा ने आज एक ऐसा सितारा खो दिया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र सिर्फ एक सुपरस्टार ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसे इंसान थे जिनके मन में हर किसी के लिए प्यार और सकारात्मकता थी। उनका व्यक्तित्व और उनकी सादगी फिल्म जगत के लिए प्रेरणादायक थी। करण जौहर ने यह भी कहा कि धर्मेंद्र की स्क्रीन प्रेजेंस रहस्यमयी और दिलकश थी। वे हिंदी मुख्यधारा के सिनेमा के एक सच्चे हीरो थे और सदैव रहेंगे। सिनेमा का इतिहास हमेशा उनके नाम को सम्मान के साथ याद करेगा।
भारतीय सिनेमा का अमर सितारा
धर्मेंद्र का नाम हिंदी फिल्म इतिहास के चमकते सितारों में शामिल है। 1960 के दशक से लेकर 1980 तक उन्होंने अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीता। अपनी दमदार डायलॉग डिलीवरी, प्रभावशाली एक्शन और रोमांटिक किरदारों के कारण उन्हें “हीमैन ऑफ बॉलीवुड” भी कहा जाता था। वे ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने हर पीढ़ी के दर्शकों का प्यार हासिल किया।‘शोले’, ‘सीता और गीता’, ‘चुपके-चुपके’, ‘धर्म वीर’, ‘अनुपमा’, ‘कटी पतंग’ और ‘यकीन’ जैसी दर्जनों फिल्मों में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है। वे हिंदी फिल्मों के उन गिने-चुने कलाकारों में रहे जो एक्शन, रोमांस और कॉमेडी—तीनों ही विधाओं में समान रूप से सफल रहे।
एक सभ्य, सरल और जमीन से जुड़े इंसान
धर्मेंद्र न सिर्फ एक अप्रतिम कलाकार थे, बल्कि उनके व्यक्तित्व में विनम्रता, सादगी और इंसानियत की गहरी झलक मिलती थी। इंडस्ट्री में उन्हें सभी लोग “धरमजी” कहकर संबोधित करते थे। उनके दिल में नए कलाकारों, तकनीशियनों और साथ काम करने वाले लोगों के लिए हमेशा सम्मान और स्नेह रहा। यही वजह है कि वे सिर्फ दर्शकों के ही नहीं, बल्कि फिल्मी दुनिया के हर सदस्य के प्रिय थे।
अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़, भावुक हुए प्रशंसक
धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार के दौरान माहौल बेहद गमगीन हो गया। प्रशंसकों ने मीडिया से कहा कि उन्होंने सिर्फ एक अभिनेता नहीं खोया, बल्कि अपने दिल का एक हिस्सा खो दिया। कई लोगों ने उनके संवाद, गाने और फिल्मों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। उनके निधन की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों और देशभर की हस्तियों ने उन्हें भारी मन से याद किया। हर कोई कह रहा है कि धर्मेंद्र के जाने से फिल्म उद्योग में एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। धर्मेंद्र का जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक युग का अंत है। वे एक ऐसे कलाकार थे जिन्होंने अपनी प्रतिभा, स्वभाव और सम्मानजनक जीवन से फिल्म जगत में अमिट छाप छोड़ी। उनकी फिल्में, उनकी अदाकारी और उनका व्यक्तित्व हमेशा प्रशंसकों के दिलों में जीवित रहेगा। वे सच में एक ही थे—और हमेशा के लिए एक ही रहेंगे—धरमजी।


