नगर निकाय चुनावों में बोगस वोटिंग रोकने को राज्य निर्वाचन आयोग का खास प्लान तैयार, जानें पूरा मामला

पटना। राज्य में अगले एक-डेढ़ महीने में प्रस्तावित नगरपालिका चुनाव में फर्जी मतदान रोकने और किसी भी प्रकार की गड़बड़ से निपटने के उपायों पर काम शुरू कर दिया है। सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरपालिका चुनाव को लेकर पहली बार जिलों के अधिकारियों के साथ विस्तार से समीक्षा की। जिसमें यह सहमति बनी कि नगरपालिका चुनाव में गड़बड़ी और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाताओं की पहचान उनके चेहरे से की जाएगी। इससे पहले पंचायत चुनाव में अंगुली के माध्यम से मतदाताओं की पहचान की व्यवस्था की गई थी।
आरक्षण रोस्टगर पर फैसला आयोग ही करेगा
मिली जानकारी के अनुसार सितंबर तक नगरपालिका चुनाव के कार्यक्रम जारी होने की उम्मीद है। इसके पहले सोमवार को जिलों के साथ हुई बैठक में निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया कि नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में मेयर और डिप्टी मेयर के पदों का आरक्षण आयोग के स्तर पर ही किया जाएगा। शेष सभी नव गठित, उत्क्रमित व सीमा विस्तारित निकायों के वार्डों के आरक्षण का कार्यक्रम जिलों को करना है। जिसके कार्यक्रम निर्धारित किए जा चुके हैं।
सभी निकायों की मतदाता सूची हुई तैयार
वही समीक्षा के दौरान जिलों ने बताया कि सभी निकायों की वार्डवार मतदाता सूची तैयार की जा चुकी है। बूथों के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बैठक में सभी जिलों को चुनाव कराने के लिए तत्काल विभिन्न कोषांग गठित करने के निर्देश दिए गए। आयोग ने जिलों को बताया कि इस चुनाव बाहर से ईवीएम नहीं मंगाए जाएंगे। बेल कंपनी के इवीएम से ही मतदान होगा। जहां पर भी ईवीएम की कमी होगी उसकी पूर्ति की जाएगी। जिलों को यह भी निर्देश दिया गया कि मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद के मतगणना के लिए अलग-अलग हाल तैयार करें, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके।

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