बाढ़ रेलवे स्टेशन पर गांजा को लेकर खूनी संघर्ष, एक की चाकू से हत्या, दूसरे की हालत गंभीर
पटना। बाढ़ रेलवे स्टेशन परिसर में हुए खूनी संघर्ष ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। स्टेशन के पास गांजा के अवैध कारोबार को लेकर हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि चाकू से हमला कर एक युवक की हत्या कर दी गई जबकि उसका भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने न सिर्फ स्टेशन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी साबित किया कि स्थानीय स्तर पर नशे के कारोबार से जुड़े विवाद अब सीधे जानलेवा रूप ले रहे हैं।
घटना का विवरण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार झगड़ा बाढ़ रेलवे स्टेशन के पास हुआ जहां दो पक्षों के बीच विवाद तेजी से हिंसक झगड़े में बदल गया। विवाद की वजह गांजा को लेकर थी। आरोपियों ने पहले गाली-गलौज की और फिर देखते ही देखते चाकुओं से हमला बोल दिया। इस दौरान चनेसार पाल नामक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उसका भाई गणेश पाल भी गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मृतक और घायल की पहचान
इस हमले में मृत व्यक्ति की पहचान चनेसार पाल के रूप में हुई है जो स्थानीय निवासी था। उसका भाई गणेश पाल भी झगड़े में बुरी तरह से जख्मी हो गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार गणेश की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसका इलाज जारी है। परिवार पर अचानक आई इस मौत से मातम छा गया है और लोग घटना के बाद से सदमे में हैं।
आरोपी और उसकी पृष्ठभूमि
हमले का मुख्य आरोपी राजू नामक व्यक्ति है। जानकारी के अनुसार राजू शारीरिक रूप से दिव्यांग है लेकिन इसके बावजूद वह अपने साथियों के साथ स्टेशन परिसर में सक्रिय रहता है। बताया जा रहा है कि राजू स्मैक और गांजा जैसे नशे के अवैध कारोबार में शामिल है। घटना के समय वह अपने तीन से चार दोस्तों के साथ था। मामूली विवाद के बाद उन्होंने मिलकर चनेसार पर चाकू से कई वार किए और उसे मौत के घाट उतार दिया। घायल गणेश पाल को भी बिना छोड़े उन्होंने बुरी तरह जख्मी कर दिया।
विवाद की पृष्ठभूमि
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेशन क्षेत्र में लंबे समय से गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त हो रही है। यही अवैध कारोबार आए दिन छोटे-मोटे विवाद पैदा करता रहता है। लेकिन इस बार मामला इतना बढ़ गया कि यह हिंसक और खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि विवाद की जड़ गांजे की खरीद-फरोख्त से जुड़ी रकम को लेकर थी, जिसने दोनों पक्षों को आमने-सामने खड़ा कर दिया।
स्टेशन पर मची अफरा-तफरी
हमले के बाद स्टेशन परिसर में अफरा-तफरी फैल गई। यात्रियों और आसपास मौजूद लोगों में दहशत का माहौल हो गया। लोग घटनास्थल से दूर भागने लगे। सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण कुछ देर तक स्थिति अनियंत्रित रही। घटना स्थल पर खून फैला हुआ था और वहां मौजूद लोग डर और आक्रोश में दिखे।
परिजनों का दर्द
मृतक चनेसार पाल और घायल गणेश पाल के परिवार पर इस घटना का गहरा असर पड़ा है। परिजन रो-रोकर बेहाल हैं और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि पुलिस और प्रशासन ने पहले से अवैध कारोबार पर नियंत्रण किया होता तो यह घटना नहीं घटती।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही बाढ़ थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी राजू और उसके साथियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। स्टेशन परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि आगे किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।
स्थानीय स्थिति और जनाक्रोश
इस वारदात को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। उनका आरोप है कि स्टेशन क्षेत्र नशे का अड्डा बन चुका है और पुलिस की अनदेखी के कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते कड़े कदम उठाए तो इस प्रकार के खूनी संघर्ष से बचा जा सकता है। बाढ़ रेलवे स्टेशन पर हुआ यह चाकूबाजी का मामला केवल एक अपराध नहीं बल्कि समाज में फैलते नशे के कारोबार का गंभीर नतीजा है। इसमें एक निर्दोष की जान गई और एक व्यक्ति की जिंदगी अब भी खतरे में है। इस घटना ने फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या अवैध नशे की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अब लोगों की निगाहें पुलिस जांच और प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं। यह जरूरी है कि आरोपी जितनी जल्दी हो सके पकड़े जाएं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं ताकि कोई और परिवार ऐसे दर्दनाक हादसे का शिकार न बने।


