यादव वोट बैंक पर भाजपा की नजर: 14 को बापू सभागार में होगा यादव सम्मेलन, 15 हजार से अधिक लेंगे बीजेपी की सदस्यता

पटना। जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद एक बार फिर से बिहार की सियासत में जाति की राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी पहली बार बिहार में यादव सम्मेलन का आयोजन कर रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अगुआई में इस सम्मेलन का आयोजन 14 नवंबर को पटना के बापू सभागार में किया जाएगा। बिहार के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राम सूरत राय ने दावा किया है कि इस कार्यक्रम में 15 हजार यादव बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इनमें पूर्व एमएलए, एमएलए प्रत्याशी, जिला परिषद सदस्य, मुखिया प्रतिनिधि समेत कई छोटे-बड़े कार्यकर्ता शामिल होंगे। राम सूरत राय ने कहा कि इसकी लिस्ट तैयार कर ली गई है। इसके साथ ही कार्यक्रम में एक साथ सभी गोवर्धन पूजा भी करेंगे। यह सम्मेलन नहीं, बल्कि मिलन समारोह है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लाखों की संख्या में यादव पार्टी से जुड़ेंगे। फिर यादव सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 5 नवंबर को राजद की तरफ से पटना में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मनाई गई थी। इसमें बड़ी संख्या में भूमिहार नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए थे। सियासी गलियारे में बीजेपी को इस कार्यक्रम के जरिए जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। यादव समुदाय को लालू यादव का कोर वोट बैंक माना जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बीजेपी न केवल सेंधमारी की कोशिश करेगी, बल्कि नित्यानंद राय एक बार फिर से खुद को यादव समुदाय के लीडर के रूप में स्थापित करने की कोशिश करेंगे। आंकड़ों की बात करें तो जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में यादव की संख्या 14.26 प्रतिशत है। ये पूरी आबादी अभी एक तरीके से लालू यादव और आरजेडी का वोट बैंक माना जाता है।

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