भाजपा देश के इतिहास को खत्म करना चाहती है, इसके खिलाफ सभी को एकजुट होना है : सीएम नीतीश

- पटना में सीपीआई की रैली में मुख्यमंत्री में बीजेपी पर किया हमला, इंडिया गठबंधन की आगामी रणनीति भी बताई
- नीतीश बोले- पांच राज्यों का चुनाव होने दीजिए उसके बाद विपक्षी गठबंधन की एक मीटिंग होगी उसमे सब तय होगा
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पटना में आयोजित कम्युनिस्ट पार्टी की भाजपा हटाओ देश बचाओ की रैली में शामिल हुए। अपने संबोधन में नीतीश ने भाजपा पर हमला करने के साथ-साथ इंडिया गठबंधन की आगामी रणनीति पर भी बात की। इसके साथ ही उन्होंने गठबंधन में सीट शेयरिंग पर अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनने का जिम्मेदार कांग्रेस को बताया। नीतीश ने कहा कि यह जो केंद्र में बैठे हैं वह देश का इतिहास और देश की एकता को खत्म करना चाहते हैं उनके खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा इसके लिए हम सभी ने मिलकर काम किया है। हमारा गठबंधन बन गया है लेकिन अभी पांच राज्यों में चुनाव है जिसमें कांग्रेस व्यस्त है जिसके कारण गठबंधन का कामकाज प्रभावित हो रहा है एक बार चुनाव हो जाने दीजिए उसके बाद हम लोग गठबंधन की बातें आगे बैठकर तय कर लेंगे। वही इस दौरान मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि देश में आजदी की जो लड़ाई हुई उसमें भाजपा का कहीं से कोई मतलब नहीं रहा। बापू को तो ये लोग भुलवाना चाह रहे हैं। ख़त्म कर देना चाह रहे हैं हर चीज़ को। इसलिए हमने सभी लोगों से बातचीत की और आज हमलोग साथ आए हैं। इसके बाद हमलोग का एक गठबंधन बना उसका नाम बन गया है। अभी तो काम अधिक नहीं हो रहा है। अभी पांच जगह चुनाव है तो कांग्रेस उससे अधिक रुचिकर है। अभी तो हमलोग कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए कमा कर रहे थे लेकिन उनको चिंता है नहीं। कभी तो उनको कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि पांच राज्यों का चुनाव होने दीजिए उसके बाद विपक्षी गठबंधन की एक मीटिंग होगी कांग्रेस वाले खुद सबको बुलाएंगे। हम तो देश को एकजुट करने के लिए लगे हुए हैं और देश के इतिहास को जो यह बदलना चाहते हैं उसको जवाब देना चाहते हैं। इसके अलावा आज जो शासन में है उनसे मुक्ति देने के लिए साथ आने का काम कर रहे हैं।
भाजपा हिंदू-मुस्लिम में झंझट करना चाहती है
गुरुवार को मिलर स्कूल में हो रही इस रैली में मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सीपीआई के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। कम्युनिस्ट पार्टी दो हिस्सा में बंट गई है। इसको एक होने के लिए सोचना चाहिए। नीतीश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो सरकार देश में है उसको देश की आजादी से कोई मतलब नहीं है। भाजपा हिंदू-मुस्लिम में झंझट करना चाहती है। 2007 से हम कंट्रोल कर रहे हैं। हम लोग बिहार में 95% को एकजुट किए हैं। बिहार में जितना काम किया जा रहा है वह कहां छप रहा। उन्होंने कहा कि हम लोग इतना बहाली किए हैं फिर भी थोड़ा-बहुत छपता है। नीतीश कुमार ने कहा भाजपा वाला का तो आप जानते ही हैं कि आजकल हिंदू मुस्लिम में भी लड़ाई करवा रहे हैं। पहले बहुत घटना होती थी कितना हम कंट्रोल किया 2007 से बिहार में। इससे पहले हर दिन वो लोग करवा ही रहा था हिंदू- मुस्लिम वो तो हम आए तो इसको बंद करवाए और सबको एक जूट करवाए।
हमलोग सोशलिस्ट हैं और वो कम्यूनिस्ट है, सबको साथ मिलकर चलना हैं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कम्युनिस्ट पार्टी की रैली के मंच से बड़ा आवाहन करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम सबको देश के लिए एकजुट होना होगा। कम्युनिस्ट पार्टी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि देखिए यहां पर हम लोग सोशलिस्ट विचारधारा से आते हैं और यह लोग कम्युनिस्ट विचारधारा से आते हैं लेकिन फिर भी हम लोग बिहार में एक साथ है। जब हम लोग बिहार में एक साथ आए तब पिछले साल 7 पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई उनमे से एक तो अब उधर चले गए हैं कोई बात नहीं जिधर जाना है जाए लेकिन अभी भी बिहार में हम लोग 6 पार्टियों ने एक साथ मिलकर सरकार को अच्छे ढंग से चलने का काम किया है इसी के तर्ज पर अब हमें पूरे देश में एकजुट होना होगा ताकि इन लोगों से देश को जल्द से जल्द मुक्ति मिले और देश विकास के रास्ते पर अग्रसर हो।
5 साल बाद सीपीआई की बड़ी रैली
यह रैली पटना के गांधी मैदान में होने वाली थी, लेकिन नीतीश कुमार के नियुक्ति पत्र बांटने वाले कार्यक्रम के चलते जगह बदलकर मिलर स्कूल किया गया। बता दें सीपीआई पांच साल बाद पटना में किसी बड़ी रैली का आयोजन कर रही है। इससे पहले पार्टी ने 25 अक्टूबर 2018 को गांधी मैदान में रैली की थी। तब कांग्रेस के कई बड़े नेता भी मंच पर थे। विपक्षी एकता की नींव उसमें रखी गई थी। हालांकि, सीएम नीतीश उस दौरान एनडीए का हिस्सा थें। अभी बिहार में सीपीईआई की राजनीतिक ताकत देखें तो एक भी सांसद पार्टी के पास नहीं है। हालांकि, दो विधायक हैं, बखरी से सूर्यकांत पासवान और तेघड़ा से रामजतन सिंह। बिहार में 1996 में सीपीआई ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस साल मधुबनी से चतुरानन मिश्र, बेगूसराय से शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, बक्सर से तेज नारायण सिंह यादव और जहानाबाद से रामाश्रय सिंह यादव को लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई थी। उसके बाद से आज तक बिहार में सीपीआई से किसी नेता की जीत नहीं हुई है।
