मुंगेर में सोते वक्त सांप ने काटा: भाई-बहन की हालत गंभीर, अस्पताल में इलाज जारी

मुंगेर। बिहार में सांप के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर प्रखंड के हरकुंडा गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें देर रात एक ही कमरे में सो रहे भाई-बहन को विषैले सांप ने डस लिया। दोनों भाई-बहन को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है और डॉक्टरों की एक टीम उनके इलाज में जुटी हुई है। हरकुंडा गांव निवासी संजय तांती के परिवार में यह हादसा हुआ, जहां उनकी 20 वर्षीय नवविवाहित पुत्री रिंकू कुमारी और 16 वर्षीय छोटे पुत्र सन्नी कुमार अपने कमरे में सो रहे थे। रिंकू चौकी पर सोई थी जबकि सन्नी नीचे जमीन पर बिस्तर बिछाकर सोया हुआ था। रात लगभग 2 बजे सबसे पहले सन्नी को सांप ने काट लिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर रिंकू भी जाग गई, लेकिन जब तक कोई समझ पाता, सांप ने उसे भी काट लिया। दोनों भाई-बहन के चिल्लाने पर परिजन जाग गए और उन्होंने दोनों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवेली खड़गपुर पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल दोनों की हालत चिंताजनक है, और उनकी अर्ध बेहोशी की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर लगातार निगरानी रख रहे हैं। बिहार के ग्रामीण इलाकों में सांप-बिच्छू का खतरा बढ़ता जा रहा है, विशेषकर बारिश के मौसम में जब यह जीव अपने प्राकृतिक आवासों से निकलकर घरों में शरण लेते हैं। मुंगेर और आस-पास के क्षेत्रों में सांप के काटने की घटनाएं कई बार सामने आई हैं, जिनमें कई बार लोगों की जान पर बन आई है। इस प्रकार की घटनाएं मुख्य रूप से घरों के अंदर रात में सोते वक्त होती हैं, जब लोग जागरूक नहीं होते और अचानक सांप के हमले का शिकार हो जाते हैं। सांप के काटने के मामलों में समय पर चिकित्सा सहायता मिलना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय रहते उपचार से ही जहर को फैलने से रोका जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, विषैले सांप के काटने के मामले में एंटी-वेनम यानी विषरोधी दवा का उपयोग किया जाता है। मुंगेर सदर अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने बताया कि दोनों भाई-बहन की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सभी आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। चिकित्सक लगातार उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि विष के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में सांप के बढ़ते प्रकोप और लोगों की जागरूकता की कमी को उजागर किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर से बारिश के मौसम में सांप के काटने की घटनाएं आम हो जाती हैं, जब वे अपने बिलों से निकलकर इंसानी बस्तियों में आ जाते हैं। लोगों को चाहिए कि वे अपने घरों में साफ-सफाई रखें, ताकि कीड़े-मकोड़े और सांप जैसे जीवों के खतरे को कम किया जा सके। रात्रि में सोते समय बिस्तर के आसपास एक बार निरीक्षण कर लेना भी जरूरी है और कोशिश करनी चाहिए कि जमीन पर सोने से बचा जाए। इसके साथ ही, सांप के काटने की घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है, ताकि लोग समय पर उपचार प्राप्त कर सकें और घातक परिणामों से बच सकें। संजय तांती और उनके परिवार के लिए यह घटना किसी बुरे सपने से कम नहीं है। उनके दोनों बच्चों की हालत गंभीर है, और वे अस्पताल में हर दिन डॉक्टरों से बच्चों के बेहतर होने की प्रार्थना कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में परिवार के अन्य सदस्य और गांववाले भी अस्पताल में उनका समर्थन कर रहे हैं। संजय तांती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि डॉक्टरों की मेहनत और भगवान की कृपा से उनके बच्चे स्वस्थ होकर जल्द ही घर लौटेंगे। इस घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को भी अपनी व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता जताई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं और विषरोधी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि सांप के काटने जैसी आपात स्थिति में ग्रामीणों को त्वरित इलाज मिल सके। साथ ही, सांप के काटने के मामलों पर काबू पाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की भी आवश्यकता है ताकि लोग सतर्क रहें और ऐसी घटनाओं से बच सकें। मुंगेर में हुई इस दुखद घटना ने न केवल सांप के प्रकोप की गंभीरता को सामने लाया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं और जागरूकता की कमी को भी उजागर किया है। उम्मीद है कि दोनों भाई-बहन जल्द स्वस्थ होकर इस भयावह हादसे से उबर सकेंगे, और सरकार व प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
