नियुक्ति पत्र के वितरण से बौखलाहट में है बिहार का विपक्ष : उमेश कुशवाहा
पटना। बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि बिहार सरकार के अच्छे कार्यों की भी आलोचना करना है विरोधियों की मानसिकता बन चुकी है। कुशवाहा ने आगे कहा कि दरअसल, बिहार के विपक्षी दलों के पास राज्य की सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए ये लोग जनता को गुमराह करने के लिए लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि राज्य सरकार 1 लाख 20 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्त पत्र सौंपेगी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2 नवंबर को बिहार एक अमिट इतिहास लिखेगा। मुख्यमंत्री नीतीश सरकार की इसी उपलब्धि को भाजपा और उनके सहयोगियों के लिए पचा पाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने मोदी सरकार को भी निशाने पर लिया और कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था और सरकार बनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने उन सारे वादों को जुमला कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जीतन राम मांझी को अपने परिवार व पार्टी के भविष्य की चिंता है इसलिए भाजपा आलाकमान की नजरों में ऊंचा उठने के लिए वो हमारे नेता नीतीश कुमार को अनावश्यक टारगेट करते हैं। हम उनकी राजनीतिक मजबूरी को समझ रहे हैं। वो हर दिन भाजपा हेडक्वार्टर से बना-बनाया स्क्रिप्ट मीडिया में आकर पढ़ते हैं यही उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जीतन राम मांझी इस गफलत में ना रहे कि बिहार की जनता उनके बहकावे में आएगी। उन्हें तो पहले इस बात का जवाब देना चाहिए कि जिस BJP के इशारे पर वह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं उस भाजपा ने 10 वर्षों में कितने युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया? मोदी सरकार आने के बाद भारत में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। भाजपा ने युवाओं को छला है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज पूरे देश में नीतीश मॉडल की चर्चा हो रही है। अपने सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद भी बेरोजगारी को मात देने के लिए बिहार सरकार ने जिस मिशन की शुरुआत की है वह काबिलेतारीफ है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए बधाई के पात्र हैं।