बिहार पुलिस का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है नीतीश सरकार,प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने किया हमला

पटना।अररिया में होमगार्ड के कर्तव्य पालन से नाराज होकर उसे जबरन उठक बैठक कराने वाले विवादित जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार के उप निदेशक कृषि के पद पर पटना तबादला किए जाने से विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर हो गया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने राज्य सरकार की इस कार्यवाही को कटघरे में खड़ा कर दिया है प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने ना सिर्फ इस फैसले से न सिर्फ अपनी गरिमा को नष्ट करने का काम किया है।बल्कि बिहार पुलिस के मनोबल को भी धाराशायी करने की ओर कदम उठाया है।उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के बाद जिस अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए।राज्य सरकार उसे राजधानी के सचिवालय में पदस्थापित कर रही है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि इस अधिकारी को आखिर किस बड़ी शक्ति का सहारा मिला हुआ है,जिसके कारण राज्य सरकार इस पर कार्रवाई करने से डर रही है।उन्होंने कहा कि बिहार का वह शर्मनाक वीडियो,जिसमें जिला कृषि अधिकारी के दबाव में ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड उठक बैठक कर रहा था, उसे लगभग सारे विश्व में देखा गया होगा। उन्होंने कहा कि आप समझ सकते हैं कि उस वीडियो से बिहार की छवि राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितनी धूमिल हुई होगी।इसके बावजूद राज्य सरकार कार्रवाई करने के बजाय ऐसे अधिकारी को सचिवालय में पदस्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि वीडियो में सबकुछ जाहिर है,उसी वीडियो के आधार पर उपस्थित दरोगा पर कार्रवाई होती है।मगर मामले के असली दोषी जिला कृषि पदाधिकारी पर जब कार्रवाई होने की बात आती है।तो सरकार जांच रिपोर्ट का इंतजार करने लगती है।उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि वहां उपस्थित दरोगा को क्यों सस्पेंड किया गया?अगर वीडियो का आधार पर दरोगा पर कार्रवाई की गई तो उसी वीडियो के आधार पर जिला कृषि अधिकारी पर एफआईआर के साथ-साथ निलंबन तथा गिरफ्तारी की कार्रवाई क्यों नहीं की गई।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार में सारी संवैधानिक व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं।अधिकारियों की मनमानी व्यवस्था चल रही है।जिसके तहत एक ही घटना में किसी एक आरोपी को सजा तो वही दूसरे आरोपी को मजा दी जाती हैं।उन्होंने कहा कि अररिया वाले मामले में पीड़ित के मौजूद रहने के बावजूद एफआईआर थाना प्रभारी के फर्द बयान पर दर्ज होता है।उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछा है कि वह बताएं कि इस मामले पर किस प्रकार की कार्रवाई हो रही है।क्या वीडियो में दोषी दिखने वाले जिला कृषि अधिकारी की हैसियत इतनी अधिक है कि सरकार उस पर कार्रवाई करने से डर रही है।या फिर सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह अपने चहेते मातहतों का किसी भी हाल में कुछ बिगड़ने नहीं देगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में भी राज्य सरकार जन सेवा करने के बजाए लालफीताशाही को मजबूत बनाएं रखने में लगी हुई है।उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर कृषि अधिकारी मनोज कुमार पर अविलंब सख्त कार्रवाई करने की मांग की ताकि बिहार पुलिस का मनोबल बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह भूलना नहीं चाहिए कि बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे भी पीड़ित होमगार्ड से न्याय दिलाने का वादा कर चुके हैं।

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