November 12, 2025

चुनाव के बीच तेजस्वी का बड़ा बयान, कहा- बिहार को चाहिए रिजल्ट, रिस्पेक्ट और राइज़, यह सपना हम पूरा करेंगे

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान जारी है। इस बीच मंगलवार को महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एक बार फिर राज्य की जनता से सीधे संवाद करते हुए बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “बिहार को अब ट्रिपल ‘आर’ चाहिए — रिजल्ट, रिस्पेक्ट और राइज़।” तेजस्वी यादव का यह बयान न केवल चुनावी रणनीति को दिशा देता दिखा, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि वह इस बार जनता के बीच नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उतरे हैं।
जनता का आभार और नए बिहार की अपील
तेजस्वी यादव ने अपने संदेश की शुरुआत बिहार की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा, “सबसे पहले हृदय से धन्यवाद कि आपने पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान किया और पूरे देश को यह संदेश दिया कि अब भाषण और जुमले नहीं, बल्कि परिणाम चाहिए।” उन्होंने जनता के उत्साह और भागीदारी को परिवर्तन का प्रतीक बताया। उनके अनुसार, बिहार की जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब पारंपरिक राजनीति से ऊपर उठकर ठोस काम करने वाली सरकार चाहती है। तेजस्वी ने कहा कि विपक्षियों ने बार-बार बेबुनियाद मुद्दों में जनता को उलझाने की कोशिश की, लेकिन बिहार के लोगों ने संयम और समझदारी के साथ वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रखा।
पढ़ाई, कमाई और दवाई वाली सरकार का वादा
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में बार-बार यह दोहराया कि उनकी सरकार का लक्ष्य “पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई और सुनवाई” पर केंद्रित रहेगा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार जनता की सरकार होगी — ऐसी सरकार जो नौजवानों को रोजगार देगी, किसानों को राहत देगी और हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन देगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने बिहार के हर वर्ग, हर जाति और हर समुदाय के लिए विकास की योजनाएँ तैयार की हैं। महागठबंधन की नीतियाँ केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत पर आधारित हैं। उन्होंने अपने पिछले 17 महीनों के कार्यकाल को इसका उदाहरण बताया, जब उन्होंने सीमित समय में कई योजनाओं को लागू कर दिखाया कि “हर नीति लोकहित की नीति” है।
बिहार की दर्द भरी तस्वीर पर प्रहार
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में पिछले 20 वर्षों की सरकारों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “बीस साल बीत गए, लेकिन बिहार आज भी रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामले में पीछे है। सरकार न तो युवाओं को रोजगार दे पाई, न किसानों को बाढ़ से राहत दिला पाई। व्यापारियों को घाटे से मुक्ति नहीं मिली और आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है।” उन्होंने कहा कि लोगों को हर बार झूठे वादे और खोखले भाषण मिले, लेकिन असली विकास अब भी दूर है। “अब बिहार झूठ और जुमलों को एक सेकंड भी बर्दाश्त नहीं करेगा,” तेजस्वी ने कहा।
असली आजादी की परिभाषा
तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में “असली आज़ादी” की नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा, “असली आज़ादी बेरोज़गारी, घूसखोरी, महंगाई, भ्रष्टाचार, अत्याचार और असमानता से मुक्ति में है।” उनके अनुसार, जब तक बिहार का हर नागरिक आत्मनिर्भर और सशक्त नहीं होगा, तब तक वास्तविक आज़ादी अधूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी सोच एक जागरूक और आत्मनिर्भर बिहार की है, जहाँ हर युवा को काम मिले, हर महिला सुरक्षित महसूस करे और हर किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य मिले।
गांवों के विकास को दी प्राथमिकता
तेजस्वी ने कहा कि बिहार का भविष्य उसके गांवों के विकास में छिपा है। “गांव का उत्थान होगा तभी राष्ट्र का उत्थान होगा,” उन्होंने कहा। उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने, कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और गांवों में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का वादा किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का ध्यान केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बिहार के हर गांव तक विकास की किरण पहुंचाई जाएगी।
युवाओं के लिए रोजगार और सम्मान
तेजस्वी यादव ने युवाओं से सीधे जुड़ते हुए कहा कि बिहार की असली ताकत उसके युवा हैं। “हमारा वादा है कि हर युवा को रोजगार का अवसर मिलेगा। हमने पहले भी कहा था कि सरकार बनने पर 10 लाख रोजगार देंगे, और इस बार हम इस वादे को मिशन मोड में पूरा करेंगे,” उन्होंने कहा। उन्होंने युवाओं से यह अपील की कि वे अपने भविष्य के लिए सही निर्णय लें और एक ऐसी सरकार चुनें जो उनके सपनों को साकार कर सके।
जनता और नेता के साझा लक्ष्य की बात
तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में भावनात्मक अपील करते हुए कहा, “आपका और मेरा सपना एक है, आपका और मेरा दर्द एक है, आपका और मेरा लक्ष्य एक है। इसे कोई बिहार के बाहर वाला नहीं समझ सकता।” उनका यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि वे खुद को बिहार की जनता से जुड़ा हुआ नेता मानते हैं, जो उनके संघर्ष और उम्मीदों को समझता है। बिहार चुनाव के बीच तेजस्वी यादव का यह बयान महज एक चुनावी नारा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अपील है, जो राज्य के विकास और सम्मान को केंद्र में रखता है। “रिजल्ट, रिस्पेक्ट और राइज़” का उनका ट्रिपल ‘आर’ फॉर्मूला बिहार के युवाओं और आम नागरिकों के दिल में नई उम्मीद जगा रहा है। अब 14 नवंबर को आने वाले परिणाम यह तय करेंगे कि क्या बिहार की जनता तेजस्वी यादव के इस “परिवर्तन और सम्मान” के संदेश को समर्थन देती है या फिर पुरानी राजनीति के अनुभव पर भरोसा जताती है। फिलहाल इतना तय है कि तेजस्वी यादव ने अपने संदेश से चुनावी माहौल में एक नई बहस को जन्म दे दिया है — विकास बनाम वादे की बहस, जिसमें जनता ही आखिरी निर्णायक होगी।

You may have missed