October 28, 2025

दिल्ली में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज, बिहार चुनाव की हो सकती है घोषणा, दो चरण में मतदान

नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। चुनाव आयोग आज दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है, जहां राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने की संभावना है। जैसे ही आयोग की ओर से यह घोषणा होगी, पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी। चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया 22 नवंबर 2025 तक पूरी कर ली जानी है।
दो चरणों में हो सकता है मतदान
सूत्रों के अनुसार, इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान करवाया जा सकता है। 2020 के विधानसभा चुनाव में वोटिंग तीन चरणों में और 2015 में पांच चरणों में हुई थी। आयोग का उद्देश्य इस बार प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित बनाना है ताकि सुरक्षा और पारदर्शिता से मतदान संपन्न हो सके। अधिकांश राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से छठ पर्व के बाद मतदान की मांग की है, जिससे लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मतदाता सूची में बदलाव और नई तैयारी
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं के नाम, पता या उम्र से संबंधित कोई परिवर्तन हुआ है, उन्हें 15 दिनों के अंदर नया वोटर कार्ड जारी किया जाएगा। 30 सितंबर को जारी हुई फाइनल मतदाता सूची के अनुसार, बिहार में वोटर्स की संख्या 6 प्रतिशत घटकर 7.41 करोड़ रह गई है। इस प्रक्रिया में 69.29 लाख पुराने नाम हटाए गए हैं, जबकि 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए हैं।
पिछले चुनावों की सांख्यिकी
2020 के विधानसभा चुनाव में 243 सीटों के लिए 3733 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। उनमें से 3205 उम्मीदवारों यानी लगभग 85 प्रतिशत की जमानत जब्त हो गई थी, जबकि केवल 285 उम्मीदवार अपनी जमानत बचा सके थे। उस समय 212 राजनीतिक दलों ने चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें छह राष्ट्रीय और चार राज्य स्तरीय पार्टियां शामिल थीं। इसके अलावा 1299 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा था, जिनमें से केवल एक को सफलता मिली थी। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में दलों की संख्या तो अधिक है, लेकिन मतदाता केवल कुछ प्रमुख दलों पर ही भरोसा जताते हैं।
एनडीए में नीतीश कुमार का नेतृत्व तय
आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर एकजुटता दिखाई है। शुरू में गठबंधन में थोड़ी असमंजस की स्थिति थी, लेकिन अब बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। जेडीयू ने अपना नारा भी तय कर लिया है – ‘2025 से 2030, फिर से नीतीश।’ इसके साथ ही लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने भी स्पष्ट रूप से नीतीश के नेतृत्व का समर्थन किया है। इससे एनडीए के भीतर एकजुटता का संदेश गया है, जो चुनावी प्रचार में फायदेमंद साबित हो सकता है।
महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर असमंजस
दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राजद ने तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित कर दिया है और वीआईपी तथा माले ने इसका समर्थन भी किया है। हालांकि, कांग्रेस ने अब तक इस पर खुलकर समर्थन नहीं दिया है। कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सचिन पायलट और कृष्णा अल्लावरु का कहना है कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन दल सामूहिक रूप से तय करेंगे। इस अनिश्चितता ने विपक्षी खेमे के भीतर मतभेद की स्पष्ट झलक दी है।
नए दलों की एंट्री और राजनीतिक समीकरण
2025 के चुनाव में 200 से अधिक राजनीतिक दलों के मैदान में उतरने की संभावना है। बिहार में वर्तमान में 184 दलों का पंजीकरण हो चुका है। इस बार जन सुराज, चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी, तेजप्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल, और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सहित कई नए दल पहली बार विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत आज़माने जा रहे हैं। जन सुराज पहले ही कुछ उपचुनावों में भाग ले चुकी है और अब पूरे प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के प्रयास में है। इसी तरह, आईपी गुप्ता की इंडियन इंकलाब पार्टी ने पूरे 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। बढ़ती राजनीतिक सक्रियता से यह साफ है कि इस बार मुकाबला बहुपक्षीय होगा। छोटे दलों की उपस्थिति बड़े गठबंधनों के लिए समीकरण बिगाड़ सकती है।
प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा चुनौतियां
चुनाव आयोग के लिए इस बार सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा की होगी। बिहार जैसे बड़े राज्य में दो चरणों में मतदान कराना एक बड़ी प्रशासनिक प्रक्रिया है। आयोग ने दावा किया है कि आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती होगी। साथ ही, ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच और प्रशिक्षण प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस बिहार की राजनीति में नई दिशा तय करेगी। जैसे ही चुनाव की तारीखों की घोषणा होगी, राज्य में राजनीतिक गतिविधियां और तेज़ हो जाएंगी। एक ओर नीतीश कुमार के चेहरे पर एनडीए एकजुट होता दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन अपने नेतृत्व को लेकर अभी भी स्पष्ट नहीं है। नए दलों की सक्रियता और मतदाता सूची में हुए बदलाव इस बार चुनावी तस्वीर को और रोचक बना रहे हैं। अब सबकी निगाहें शाम 4 बजे होने वाली उस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जो बिहार की आगामी राजनीति की दिशा तय करेगी।

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