बेगूसराय में पीएम का हमला, कहा- बिहार फिर से जंगलराज नहीं चाहता, लठबंधन में अटक,लटक, झटक, पटक दल
बेगूसराय/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के बीच प्रचार अभियान की रफ्तार तेज होती जा रही है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेगूसराय में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के लोगों से एनडीए को फिर से आशीर्वाद देने की अपील की और विपक्ष, विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जंगलराज के दौर को याद करते हुए कहा कि बिहार अब उस अंधकार युग में वापस नहीं जाना चाहता।
बेगूसराय की सभा में उमड़ी भीड़, पीएम ने छठ व्रतियों को दिया सम्मान
बेगूसराय में आयोजित इस सभा में भारी जनसैलाब उमड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा की शुरुआत परंपरागत छठ पर्व का उल्लेख करते हुए की और मंच से ही छठ व्रतियों को सूप बांटकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा को भी याद किया और कहा कि उनकी आवाज छठ पर्व की आत्मा है। इसी बीच सभा स्थल पर थोड़ी देर के लिए मंच पर अंधेरा छा गया। मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने माइक लेकर आयोजनकर्ताओं से कहा कि “लाइट जल्दी लगाइए, प्रधानमंत्री मंच पर हैं।” माहौल हल्का-फुल्का होते ही प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए कहा कि “अंधकार दूर होना ही चाहिए, क्योंकि हमने जंगलराज के अंधकार को सुशासन की रोशनी में बदला है।”
जंगलराज से सुशासन तक की यात्रा, पीएम का भावनात्मक संबोधन
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के राजनीतिक सफर की याद दिलाते हुए कहा कि 2005 से पहले बिहार जंगलराज की स्थिति में था। अपराध, लूट, रंगदारी और अपहरण के डर से लोग घरों से बाहर निकलने से घबराते थे। उन्होंने कहा कि 2005 के अक्टूबर में बिहार की जनता ने उस अंधकार से मुक्ति पाई और सुशासन की दिशा में कदम बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब 2025 का चुनाव बिहार के युवाओं की जिम्मेदारी लेकर आया है। आपके माता-पिता ने जिस जंगलराज को खत्म किया था, अब आप पर जिम्मेदारी है कि उस दौर को दोबारा लौटने न दें। आपके वोट से बिहार को समृद्धि की ओर ले जाना है।”
“एनडीए समझदारों का गठबंधन, महालठबंधन स्वार्थियों का जमावड़ा”
प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए और महागठबंधन के बीच तुलना करते हुए कहा कि एक ओर एनडीए है, जहां नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा जैसे अनुभवी और समझदार नेता हैं, जो बिहार के विकास के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन है, जिसे उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में “महालठबंधन” कहा। उन्होंने कहा कि “यह महालठबंधन नहीं बल्कि अटक, लटक, झटक और पटक दलों का मेल है।” मोदी ने विस्तार से समझाया कि राजद पिछले दो दशकों से कोई चुनाव नहीं जीत पाई, फिर भी अहंकार में अटकी हुई है। कांग्रेस 35 साल से राजद की पिछलग्गू बनी हुई है, लेकिन इस बार राजद ने उसे भी पटक दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को झटक दिया गया, वीआईपी को फटका दिया गया और लेफ्ट पार्टियों को लटका दिया गया। उन्होंने तंज कसा कि “जहां स्वार्थ हावी होता है, वहां लूट और खसोट की राजनीति ही चलती है।”
जंगलराज की याद, जिसने भविष्य पर ताले जड़ दिए”
प्रधानमंत्री ने राजद शासनकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस समय हत्या, रंगदारी, लूट और अपहरण का बोलबाला था। उन्होंने कहा कि उस दौर में न केवल बिहार की फैक्ट्रियां बंद हो गईं, बल्कि लोगों के सपनों पर भी ताले लग गए थे। मोदी ने कहा कि “बेगूसराय और बरौनी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को उस समय के शासन ने एक दशक पीछे धकेल दिया। युवाओं को मजबूरन पलायन करना पड़ा, क्योंकि राज्य में न तो उद्योग बचे थे और न ही रोजगार।” उन्होंने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि “जिनके शासन में बिहार पलायन और अपराध का प्रतीक बन गया था, वे आज बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।”
बरौनी रिफाइनरी और उद्योगों पर मोदी का फोकस
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान बेगूसराय के औद्योगिक विकास की चर्चा की। उन्होंने कहा कि “जंगलराज वालों ने बरौनी रिफाइनरी को अपने हाल पर छोड़ दिया था, हमने उसमें जान डाली है।” उन्होंने दावा किया कि अब रिफाइनरी के विस्तार से न केवल प्लास्टिक उद्योग को बल मिलेगा बल्कि छोटे उद्योगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। मोदी ने कहा कि अब बेगूसराय टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहा है। यहां बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश कर रही हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेहतर बिजली आपूर्ति और कनेक्टिविटी के कारण अब बिहार के उद्योगों को नई ताकत मिल रही है।
“आपका भरोसा ही हमारी ताकत है”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार की जनता ने हमेशा उन पर और नीतीश कुमार पर विश्वास किया है। उन्होंने कहा, “आपके इसी भरोसे ने विकास को नई दिशा दी है। आज बिहार सुशासन से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है, और आने वाले वर्षों में यह राज्य आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्तंभ बनेगा।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी के बहकावे में न आएं और एकजुट होकर एनडीए सरकार को दोबारा मौका दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए की सरकार ही वह ताकत है जो बिहार के युवाओं के सपनों को साकार कर सकती है।
महागठबंधन पर व्यंग्य और जनता से आह्वान
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में महागठबंधन पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि “लालटेन वाले लोग आज भी बिहार को उसी अंधेरे में ले जाना चाहते हैं, जिसमें 20 साल पहले था।” उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में जो प्रगति की है, वह किसी से छिपी नहीं है। मोदी ने कहा कि “एनडीए ने विकास की राजनीति को मजबूत किया है, जबकि महागठबंधन अभी भी परिवार और जाति की राजनीति में उलझा है। बिहार की जनता को अब यह तय करना है कि वह रोशनी की राह चुनेगी या अंधकार की।”
“सुशासन से समृद्धि की ओर बिहार”
बेगूसराय की यह सभा प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी अभियान की एक अहम कड़ी थी, जिसमें उन्होंने जनता के बीच विश्वास और स्थिरता का संदेश देने की कोशिश की। उनका भाषण जहां विकास की उपलब्धियों को सामने रखता है, वहीं विपक्ष के खिलाफ तीखे राजनीतिक तीर भी छोड़ता है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि एनडीए का लक्ष्य केवल सत्ता में बने रहना नहीं, बल्कि बिहार को एक समृद्ध, औद्योगिक और आत्मनिर्भर राज्य बनाना है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे 2025 के इस ऐतिहासिक चुनाव में सुशासन के इस सफर को आगे बढ़ाने के लिए एनडीए को फिर से अवसर दें।


